Tuberculosis: टीबी के खिलाफ जंग में भारत की बड़ी कामयाबी, 2015 से अब तक आई 17.7% की गिरावट

Tuberculosis: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को टीबी उन्मूलन में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए "सुपर हीरो" का दर्जा दिया है। हाल ही में जारी रिपोर्ट में WHO ने कहा कि भारत ने वर्ष 2015 के बाद से टीबी मामलों को कम करने में अभूतपूर्व प्रगति की है, जो किसी अन्य देश में देखने को नहीं मिली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने WHO की सराहना पर ट्वीट कर इसे भारत के संकल्प का प्रमाण बताया।
टीबी मामलों में गिरावट और इलाज कवरेज में बढ़ोतरी
WHO रिपोर्ट के अनुसार, भारत में टीबी इलाज का कवरेज 2015 में 72% से बढ़कर 2023 में 89% हो गया। देश में लगभग 27 लाख टीबी मरीज थे, जिनमें से 25.1 लाख का इलाज किया गया। आयुष्मान आरोग्य मंदिर के प्रयासों से स्वास्थ्य सेवाओं का विकेंद्रीकरण हुआ और देशभर में 1.7 लाख से अधिक चिकित्सा केंद्रों से मरीजों को इलाज में सहूलियत मिली। भारत में 2015 में 100,000 की जनसंख्या पर 237 टीबी के मामले थे, जो 2023 में घटकर 195 हो गए। इस बदलाव से टीबी मामलों में 17.7% की गिरावट दर्ज की गई, जो वैश्विक दर 8.3% से दोगुनी से भी अधिक है।
We remain steadfast in our commitment to creating a TB-free India.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) November 2, 2024
The World Health Organization (WHO) has recognized India’s remarkable progress, with a 17.7% decline in TB incidence from 2015 to 2023—a rate more than double the global decline of 8.3%. This acknowledgment…
टीबी मृत्यु दर में कमी
WHO ने रिपोर्ट में कहा कि भारत में टीबी से मृत्यु दर में भी उल्लेखनीय कमी आई है। पहले प्रति 100,000 की जनसंख्या पर 28 लोगों की मौत होती थी, जो अब घटकर 22 रह गई है, यानी 21.4% की गिरावट।
WHO ने की सरकार की पहल की सराहना
WHO ने टीबी उन्मूलन के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की प्रशंसा की। भारत ने इस कार्यक्रम का बजट 2015 के 640 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2022-23 में 3400 करोड़ रुपये कर दिया है। साथ ही, नए निदान उपकरणों और अत्याधुनिक चिकित्सा विधियों को अपनाकर भारत सभी टीबी मरीजों को मुफ्त इलाज और जांच सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। निजी अस्पताल भी इस मुहिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जहां कुल मामलों में से 32.9% की पहचान हुई है।
एआई-सक्षम तकनीक का उपयोग
भारत में अब 800 से अधिक एआई-सक्षम पोर्टेबल एक्स-रे मशीनें स्थापित की गई हैं। इसके अतिरिक्त, देशभर में 7,767 त्वरित आणविक परीक्षण सुविधाएं और 87 कल्चर व औषधि संवेदनशीलता परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं, जो विश्वभर में सबसे अधिक हैं।