म्यांमार में जनता के खिलाफ बलप्रयोग बंद करे सेना : संयुक्त राष्ट्र

  
म्यांमार में जनता के खिलाफ बलप्रयोग बंद करे सेना : संयुक्त राष्ट्र

म्यांमार में पश्चिम देशों के शीर्ष राजनयिगकों ने सेना से राजनीतिज्ञों की गिरफ्तारियां, सामाजिक कार्यकर्ता तथा पत्रकारों को परेशान करने के कदम को रोकने की अपील की है और चेतावनी दी है कि पूरी दुनिया इस घटना को देख रही है . पश्चिमी देशों के दूतावासों की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'हम सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों और नागरिकों के खिलाफ हिंसा से बचने का आह्वान करते हैं .'

बयान में कहा गया है, ''हम राजनीतिक नेताओं, सिविल सोसाइटी के कार्यकतार्ओं और समाजसेवियों की गिरफ्तारी के साथ ही पत्रकारों की प्रताड़ना निंदा करते हैं .' इस बयान पर अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, स्विटजरलैंड, नॉवेर्, यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों, जिनमें डेनमार्क, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स, स्पेन और स्वीडन के राजदूतों के हस्ताक्षर हैं .''

म्यांमार में एक फरवरी को तख्ता पलट की घटना के बाद लोग सड़कों पर उतर आए हैं और लोकतंत्र की बहाली की मांग कर रहे हैं . सेना के वाहन शहरों में गश्ती लगा रहे हैं तथा सेना बार-बार प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी कर रही है .

'प्रदर्शन के खिलाफ बल प्रयोग के लिए सेना को ठहराया जाएगा जवाबदेह'

म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के विशेष प्रतिनिधि टॉम एंड्रयूज ने सेना को चेतावनी दै है कि उसे उसके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा . एक फरवरी को हुई तख्तापलट की घटना के बाद हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं तथा देशभर में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं . इसके जवाब में सेना ने इंटरनेट को बंद कर दिए हैं तथा देश के ज्यादातर शहरों में सैनिकों को तैनात कर दिया है। 

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