Bharat Or India: संयुक्त राष्ट्र संघ का आया बयान, जानिए नाम बदलने को लेकर क्या कहा?
Bharat Or India: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से जी20 के मेहमानों को भेजे गए डिनर इनविटेशन पर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा होने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई। हालांकि, इन बहसों के बीच संयुक्त राष्ट्र संघ का बयान आया है। यूएन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि वैश्विक निकाय के पास नाम बदलने का जब रिक्वेस्ट प्राप्त होगा तब उसे देखा जाएगा।
हर कोई पढ़े संविधान, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर
इस पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि इंडिया भारत है और यह संविधान में लिखा है। मैं हर किसी को संविधान पढ़ने के लिए कहूंगा। उन्होंने तैयारियों को लेकर कहा कि यह एक अलग युग है, यह अलग सरकार है और यह एक अलग विचार प्रक्रिया है। उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सरकार द्वारा किए गए इंतजाम की विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना पर कहा कि अगर किसी को लगता है कि वे लुटियंस दिल्ली या विज्ञान भवन में अधिक सुविधाजनक महसूस कर रहे थे तो यह उनका विशेषाधिकार था। वही उनकी दुनिया थी और तब शिखर सम्मेलन की बैठकें ऐसे समय हुई, जहां देश का प्रभाव संभवतः विज्ञान भवन में या उसके दो किलोमीटर (लुटियंस दिल्ली) तक में रहा हो। जयशंकर ने कहा कि यह एक अलग युग है, यह अलग सरकार है और यह एक अलग विचार प्रक्रिया है। प्रधानमंत्री ने महसूस किया और हमने उस दिशा में काम किया है, जिसमें जी-20 ऐसी चीज है, जिसे एक राष्ट्रीय प्रयास के रूप में माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को लगता है कि हमें अभी भी सन् 1983 में फंसे रहना चाहिए, उनका 1983 में फंसे रहने के लिए स्वागत है।
देश का नाम बदलने में कितना होगा खर्च?
किसी राज्य या शहर का नाम बदल जाता है तो उसमें कई 100 करोड़ रुपए खर्च हो जाते हैं । जब किसी देश का नाम बदला जाता है तो इसमें कई गुना ज्यादा खर्च हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2018 में स्वाजीलैंड नाम के एक अफ्रीकी देश ने अपना नाम बदलकर ईस्वातिनी कर लिया था. उस समय इस छोटे से देश का नाम बदलने में जो खर्च आया था वह था 60 मिलियन डॉलर का अगर इसी मॉडल के आधार पर अपने देश का नाम बदल जाए तो लगभग 14000 करोड़ रुपए के आसपास का खर्चा हो जाएगा।