Delhi: सालों तक सरदार साहब के योगदान को भुलाए रखा… एकता दौड़ के मौके पर क्या-क्या बोले अमित शाह?

Delhi में धनतेरस के मौके पर मंगलवार को आयोजित ‘एकता दौड़’ कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने सरदार पटेल के योगदान को याद किया। इस कार्यक्रम को उन्होंने हरी झंडी दिखाई, जिसमें 8,000 लोगों ने भाग लिया।
एकता दौड़ का महत्व
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि 31 अक्टूबर को ‘एकता दिवस’ और दिवाली के अवसर पर इस दौड़ का आयोजन 29 अक्टूबर को किया गया है। उन्होंने कहा, “2015 से पीएम मोदी ने महान सरदार पटेल की याद में एकता दौड़ का आयोजन करने का निर्णय लिया। इस दौड़ से पूरा देश एकता के लिए संकल्पित होता है।”
सरदार पटेल का योगदान
अमित शाह ने कहा कि भारत आज एक मजबूत राष्ट्र बनकर दुनिया के सामने खड़ा है, लेकिन आजादी के बाद 553 से अधिक राज्यों को एक करने की चुनौती का सामना करना पड़ा था। इस काम को सरदार पटेल ने अपनी दृढ़ता से संभव किया और आज का भारत एक सशक्त मानचित्र प्रस्तुत करता है।
सरदार साहब की उपेक्षा
गृह मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि सरदार पटेल को लंबे समय तक भुलाने का प्रयास किया गया और उन्हें भारत रत्न से भी वंचित रखा गया। लेकिन पीएम मोदी ने केवड़िया कॉलोनी में सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित कर उनकी याद को जीवित रखने का कार्य किया है।
युवा पीढ़ी का आह्वान
अमित शाह ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने सरदार पटेल के दृष्टिकोण से प्रेरणा लेकर युवाओं को देश के विकास में शामिल होने का आह्वान किया है। इस प्रकार, ‘एकता दौड़’ न केवल भारत की एकता का प्रतीक है, बल्कि विकसित भारत की दिशा में एक संकल्प भी है।