बिजली दरों में बढ़ोतरी पर फैसला 25 जुलाई के बाद, उद्यमियों ने जताया विरोध​​​​​​​

 
बिजली दरों में बढ़ोतरी पर फैसला 25 जुलाई के बाद, उद्यमियों ने जताया विरोध​​​​​​​

कानपुर। उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर चल रही चर्चाओं पर अंतिम निर्णय 25 जुलाई के बाद लिया जा सकता है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) के चेयरमैन अरविंद कुमार ने बुधवार को कानपुर में जनसुनवाई के दौरान दी।

उन्होंने कहा कि राज्य की पांचों डिस्कॉम कंपनियों और एक निजी सेवा प्रदाता के साथ जनसुनवाई कार्यक्रम संपन्न होने के बाद ही आयोग बिजली टैरिफ को लेकर कोई निर्णय लेगा। अरविंद कुमार ने बताया कि बीते पांच वर्षों से बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है, लेकिन उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सावधानीपूर्वक फैसला लिया जाएगा।

उपभोक्ताओं की शिकायतों के लिए ऑनलाइन फोरम

चेयरमैन ने सभी बिजली वितरण कंपनियों को उपभोक्ता फीडबैक सिस्टम को लागू करने का निर्देश दिया ताकि यह समझा जा सके कि ग्राहकों की शिकायतों का समाधान हो रहा है या नहीं। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता आयोग की वेबसाइट पर 'ह्यूमन ग्रीवांस रिड्रेसल फोरम' के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।

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इस अवसर पर केस्को के प्रबंध निदेशक सैमुअल पॉल भी मौजूद रहे।

बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार के दावे

गर्मी के मौसम में हुई बिजली कटौती को लेकर पूछे गए सवाल पर अरविंद कुमार ने कहा कि पिछले सालों की तुलना में इस बार उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) की आपूर्ति व्यवस्था में सुधार देखा गया है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि राज्य में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है और सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।

उद्यमियों ने टैरिफ वृद्धि का किया विरोध

जनसुनवाई में मौजूद उद्योग प्रतिनिधियों ने बिजली दरों में संभावित बढ़ोतरी का कड़ा विरोध किया। फीटा के महासचिव उमंग अग्रवाल ने कहा कि जब औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ही पर्याप्त नहीं है, तो दरों में बढ़ोतरी का कोई औचित्य नहीं बनता। उन्होंने मांग की कि वर्तमान टैरिफ को यथावत रखा जाए।

आईआईए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य ने भी विरोध जताते हुए कहा कि एमएसएमई इकाइयों को पहले से ही महंगी दरों पर बिजली मिल रही है। अगर दरें और बढ़ाई जाती हैं तो यह इन इकाइयों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव डालेगा। उन्होंने इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर विरोध दर्ज कराया।

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