UP By-Election Voting Trends: सपा की सीटों पर ज्यादा मतदान, बीजेपी के गढ़ों पर सुस्ती
UP By-Election Voting Trends: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में मतदान के रुझानों ने मिश्रित तस्वीर पेश की है। सपा के कब्जे वाली सीटों जैसे कुंदरकी, करहल और कटेहरी में भारी मतदान हुआ है, जबकि बीजेपी के गढ़ खैर, फूलपुर और गाजियाबाद में कम वोटिंग देखी गई है।
मुख्य रुझान और मतदान प्रतिशत
दोपहर 1 बजे तक औसतन 33% मतदान दर्ज किया गया, जिसमें प्रमुख हाइलाइट्स इस प्रकार हैं:
सबसे ज्यादा मतदान: कुंदरकी (41.01%) और मीरापुर (36.77%)।
सबसे कम मतदान: गाजियाबाद (20.92%)।
करहल (32.29%), कटेहरी (36.54%), और सीसामऊ (28.50%) में मध्यम स्तर का मतदान हुआ।
चुनाव की पृष्ठभूमि
इन उपचुनावों से सरकार की स्थिति नहीं बदलेगी, लेकिन इन्हें 2027 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है। बीजेपी और सपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, जबकि आरएलडी और बीएसपी भी कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं।
चुनाव विवादों से अछूते नहीं रहे। मीरापुर, सीसामऊ, और कुंदरकी में झड़पें हुईं, जिसके बाद चुनाव आयोग ने कार्रवाई की। सात पुलिसकर्मियों, जिनमें एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल है, को लापरवाही और कदाचार के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया।
प्रमुख सीटों पर मुकाबला
कुंदरकी (सपा गढ़):
सपा: हाजी रिजवान
बीजेपी: रामवीर सिंह ठाकुर
बसपा: रफतुल्ला (छिद्दा)
एआईएमआईएम: मोहम्मद वारिस
करहल (सपा गढ़):
सपा: तेज प्रताप यादव
बीजेपी: अनुजेश यादव
बसपा: अविनाश शाक्य
मीरापुर (आरएलडी सीट):
आरएलडी: मिथलेश पाल
सपा: सुम्बुल राणा
बसपा: शाहनजर
एआईएमआईएम: अरशद राणा
गाजियाबाद (बीजेपी गढ़):
बीजेपी: संजीव शर्मा
सपा: राज सिंह जाटव
बसपा: पीएन गर्ग
खैर (बीजेपी गढ़):
बीजेपी: सुरेंद्र दिलेर
सपा: चारु कैन
बसपा: पहल सिंह
फूलपुर:
बीजेपी: दीपक पटेल
सपा: मुज्तबा सिद्दीकी
कटेहरी (सपा सीट):
सपा: शोभावती वर्मा
बीजेपी: धर्मराज निषाद
मझवां:
बीजेपी: सुचिस्मिता मौर्य
सपा: ज्योति बिंद
पार्टीवार मतदान रुझान
सपा: कुंदरकी और कटेहरी जैसी सीटों पर भारी मतदान।
बीजेपी: खैर, फूलपुर और गाजियाबाद जैसी सीटों पर कम वोटिंग।
आरएलडी: मीरापुर में मध्यम स्तर का मतदान।
बसपा और एआईएमआईएम: कुंदरकी और मीरापुर जैसी सीटों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश।
निष्कर्ष
यूपी के उपचुनाव बड़ी पार्टियों के लिए अहम परीक्षा बनकर उभरे हैं। सपा अपने गढ़ों में मजबूत वोटिंग ट्रेंड बनाए रखने में सफल दिख रही है, जबकि बीजेपी को अपने मजबूत गढ़ों में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनावों के नतीजे 2027 के चुनावों से पहले मतदाताओं की सोच को समझने का अवसर देंगे।