UP Election 2022: राजा भैया से अखिलेश यादव ने तोड़ी पिछले 15 सालों की दोस्ती, लिया यह ऐतिहासिक फैसला

 
UP Election 2022: राजा भैया से अखिलेश यादव ने तोड़ी पिछले 15 सालों की दोस्ती, लिया यह ऐतिहासिक फैसला

जब से अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभला हैं। तबसे वह एक अलग तरह से पार्टी का संचालन कर रहे है। उत्तर प्रदेश में अखिलेश के अध्यक्ष बनने के बाद समाजवादी पार्टी ने पहले कोंग्रेस और फिर अपनी धुरविरोधी बसपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ने का एक प्रयोग किया। जिसमें समाजवादी पार्टी बुरी तरह विफल रही। लेकिन अब अखिलेश यादव उत्तरप्रदेश के आगामी चुनावों में क्षेत्रीय दलों से गठबंधन कर चुनाव लड़ने को तैयारी कर रहे है।

समाजवादी पार्टी राज्य में मुख्य विपक्षी दल तो है ही, लेकिन अब वह क्षेत्रीय दलों के साथ सूबे में सरकार बनाने की फ़िराक में हैं। उत्तरप्रदेश में जनसत्ता दल के प्रमुख राजा भैया से पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अब पिछले 15 सालों की दोस्ती पर पूर्णविराम लगा दिया हैं। यूपी चुनाव में अब तक बाहुबली नेता राजा भैया के साथ दोस्ती निभाने वाले अखिलेश यादव इस बार के चुनाव में उनके खिलाफ भी प्रत्याशी उतारने जा रहे हैं।

WhatsApp Group Join Now

पिछले 15 सालों से समाजवादी पार्टी कुंडा और बाबागंज सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारती थी, लेकिन इस बार इन दोनों सीटों पर वो अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है। जनसत्ता दल के प्रमुख राजा भैया कभी सपा की सरकार में मंत्री हुआ करते थे। कुंडा सीट से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया सात बार विधायक रह चुके हैं। जिसमें सपा का समर्थन उनके लिए महत्वपूर्ण रहा है। कई बार राजा भैया को मुसीबत से निकालने का श्रेय सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को जाता है।

UP Election 2022: राजा भैया से अखिलेश यादव ने तोड़ी पिछले 15 सालों की दोस्ती, लिया यह ऐतिहासिक फैसला
Source-Akhilesh/Twitter

लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान अखिलेश यादव ने सपा-बसपा गठबंधन कर राजा भैया को अपने राजनैतिक परिवार से दूर कर दिया था। दरअसल राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग के दौरान अखिलेश के कहने के बाद भी राजा भैया ने बसपा छोड़ भाजपा को वोट दे दिया था। बस फिर क्या था अखिलेश, राजा भैया से खफा हो गए और समाजवादी पार्टी के दरवाजे राजा भैया के लिए हमेशा के लिए बंद हो गए।

एक बार फिर जब 2022 विधानसभा चुनाव नजदीक है तो अटकलें लगाई जा रही थी कि सपा, राजा भैया को सपोर्ट कर सकती है। शायद राजा भैया को भी यही उम्मीद हो, लेकिन सपा ने साफ कर दिया कि वो राजा भैया के खिलाफ अपना उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारेगी। कुंडा और बाबागंज सीट पर राजा भैया का हमेशा से दबदबा रहा है। सपा पिछले तीन चुनावों में इन सीटों पर राजा भैया के साथ थी। कुंडा से जहां राजा भैया खुद लड़ते है, वहीं बाबागंज सीट पर सपा ने विनोद सरोज को समर्थन दिया था।

लेकिन राज्यसभा चुनाव में हार के बाद अखिलेश ने इन दोनों ही सीटों पर काफी पहले से नजरें गड़ी दी थीं। दोनों की सीटों पर सपा काफी पहले से बूथ स्तर पर काम कर रही है। हर बार इन सीटों पर बसपा से राजा भैया को चुनौती मिलती रही थी, लेकिन इस बार सपा के मैदान में उतरने से राजा भैया के लिए इन दोनों ही सीटों पर मुश्किलें बढ़ सकती हैं।जिसके कारण राजा भैया का बरसों पुराना राजनैतिक सिंघासन हिल सकता हैं।

यह भी पढ़े: यूपी के गाजीपुर में अखिलेश की रथयात्रा को प्रशासन का ठेंगा, कहा किसी और दिन करे अपनी यात्रा

यह भी देखे:

https://youtu.be/CfT430aLTRk

Tags

Share this story