Up Election : इन सीटों पर हो सकता है कड़ा मुक़ाबला
UP के विधानसभा चुनाव, देश की राजनीतिक दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाता है। उत्तर प्रदेश के अंदर भी कुछ ऐसी विधानसभा सीटें हैं जिनपर ख़ास नज़र रहती हैं।
ऐसी ही कुछ सीटों पर एक नज़र-
वाराणसी
सबसे पहले देश के सबसे प्रभावशाली लोकसभा सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की अहम विधानसभा सीटों की बात करते हैं।
वाराणसी में 8 विधानसभा सीटें हैं - वाराणसी उत्तरी, वाराणसी कैंटोनमेंट, रोहनिया, शिवपुर, सबरी, पिंडरा, अजगरा (आरक्षित सीट), और वाराणसी दक्षिणी। 2017 के विधानसभा चुनाव में अधिकतर सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं।
वाराणसी उत्तरी
वाराणसी की उत्तरी विधानसभा सीट बेहद अहम रही है। इसे हिंदुत्व का प्रयोगशाला भी कहा जाता है। 1951 से 2017 के बीच हुए 19 विधानसभा चुनावों की बात करें तो इसमें में से तीन भारतीय जनसंघ ने जीते और पांच बार बीजेपी ने परचम लहराया।
वहीं पांच बार हाथ छाप ने भी यहां जीत दर्ज की और 1996 से 2007 तक लगातार चार बार मुलायम समाजवादी पार्टी ने सीट पर कब्ज़ा किया। फिर लगातार दो चुनावों में यानी 2012 और 2017 से ये सीट बीजेपी जीत रही है।
अजगरा
अजगरा एक आरक्षित सीट है जो 2017 में ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा पार्टी के खाते में गई थी। सुभासपा पार्टी उस वक्त बीजीपे की सहयोगी पार्टी थीं उस वक्त।
हालांकि यह सीट पहले बीएसपी के खाते में था। अब बीजेपी और सुभासपा अलग हो गए हैं। इसलिए बीजेपी इस बार इस सीट पर अलग से दांव लगाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर पर सभी सीटों की नजर है। 2017 के चुनाव में बीजेपी ने यहां की नौ विधानसभा सीटों में से आठ पर जीत दर्ज की थी।
गोरखपुर की नौ विधानसभा सीटों इस प्रकार हैं - कैम्पियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर नगर, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा, चौरी-चौरा, खजनी, बांसगांव, चिल्लूपार. इनमें से 2017 में चिल्लूपार सीट सिर्फ ऐसी थी जिसपर बीएसपी ने जीत दर्ज की थी। 2017 में तीन सीटों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला था।
अमेठी
लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, गांधी के इस क्षेत्र में यहां ख़ास निगाहें रहती हैं। अमेठी ज़िले में चार विधानसभा सीटें हैं - तिलोई, जगदीशपुर (एससी), गौरीगंज, अमेठी. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी।