₹3,000 से ज्यादा के UPI लेन-देन पर लग सकता है MDR चार्ज

नई दिल्ली: केंद्र सरकार अब बड़े UPI ट्रांजैक्शनों (₹3,000 या उससे अधिक) पर MDR (Merchant Discount Rate) लगाने की योजना बना रही है। NDTV Profit की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रस्तावित चार्ज केवल उच्च-मूल्य वाले लेन-देन पर ही लागू होगा, जबकि छोटे ट्रांजैक्शन पहले की तरह मुफ्त ही रहेंगे।
क्या है MDR?
MDR वह फीस होती है जो बैंक या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर व्यापारी से उस समय वसूलते हैं, जब ग्राहक UPI जैसे डिजिटल माध्यम से पेमेंट करता है। वर्तमान में भारत में Zero MDR Policy लागू है, जिसके तहत व्यापारी से कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
अब क्या बदल सकता है?
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₹3,000 से अधिक के प्रत्येक UPI ट्रांजैक्शन पर बैंक MDR वसूल सकेंगे।
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यह चार्ज मर्चेंट के टर्नओवर पर नहीं बल्कि प्रति ट्रांजैक्शन की राशि पर आधारित होगा।
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छोटे दुकानदार और कम राशि वाले लेन-देन इससे प्रभावित नहीं होंगे।
क्यों उठाया जा रहा ये कदम?
Payment Council of India पहले ही Zero MDR Policy को हटाने की सिफारिश कर चुका है। सरकार का मानना है कि इससे बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडरों के लिए स्थायी राजस्व मॉडल तैयार हो सकता है, जिससे वे इंफ्रास्ट्रक्चर में और निवेश कर सकें।
UPI की जबरदस्त ग्रोथ
भारत में UPI ट्रांजैक्शन की संख्या Visa से भी आगे निकलने के कगार पर है।
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1 जून 2025 को: 644 मिलियन ट्रांजैक्शन
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2 जून 2025 को: 650 मिलियन ट्रांजैक्शन
वहीं Visa का अनुमानित औसत डेली ट्रांजैक्शन 639 मिलियन है (FY24 अनुमान)।
मई 2025 में UPI के कुल 1,400 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल वैल्यू ₹20 लाख करोड़ से अधिक थी।