निठारी हत्याकांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट का आया फैसला,  बच्चों से रेप कर मारकर मांस खा गया था आरोपी

 
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NEWS: कुख्यात निठारी हत्याकांड के आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। आरोपी के घर से बच्चों के शव के टुकड़े मिले थे इसके बाद भी पुलिस और सीबीआई साबित नहीं कर पाई कि इन बच्चों की हत्या आरोपियों ने की है। घटना के सामने आने के 17 साल बाद अब दोनों आरोपी जेल से बाहर आ जाएंगे। निठारी हत्याकांड में सीबीआई ने कुल 16 केस दर्ज किए थे। सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में फांसी की सजा मिली थी। मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ 6 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से तीन में उसे फांसी की सजा मिली थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी सुरिंदर कोली को 12 और सह आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में बरी कर दिया गया है। 

ट्रायल कोर्ट ने दी थी फांसी की सजा


ट्रायल कोर्ट ने दोनों को फांसी की सजा दी थी। हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को रद्द कर दिया और दोनों को बरी कर दिया। उत्तर प्रदेश के नोयडा में मोनिंदर सिंह के पंढेर के घर में 2005-2006 के बीच कई बच्चों की सीरियल किलिंग हुई थी। सुरिंदर कोली पंढेर के घर में नौकर था। उसे पंढेर के घर में कई बच्चों के साथ रेप और उनकी हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया था।

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घर से मिले थे बच्चों के शव के टुकड़े

2006 में नोएडा के निठारी गांव में मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पिछवाड़े से कई पीड़ितों के शव पाए गए थे। इसके बाद भी आरोपियों के खिलाफ पुलिस केस साबित नहीं कर सकी। शव मिलने से पूरे देश में सनसनी फैल गई थी। एक लापता महिला के मामले की जांच के दौरान पंढेर के घर के पीछे के इलाके में तलाशी ली गई थी। इस दौरान नोएडा पुलिस को इंसानी कंकाल मिले थे। 29 दिसंबर 2006 को पंढेर के घर के पीछे नाले से बच्चों के आठ कंकाल मिलने से सनसनीखेज हत्याएं सामने आईं। इसके बाद पंढेर और कोली को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने पंढेर के घर के आसपास और खुदाई कराई तो और भी इंसानी कंकाल मिले। जांच के दौरान इनमें से अधिकांश अवशेष गरीब बच्चों और लड़कियों के साबित हुए। वे इलाके से लापता हो गए थे। पुलिस पूछताछ के दौरान कोली ने कथित तौर पर स्वीकार किया था कि उसने हत्याएं की और इंसानी मांस खाए।

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