यूपी सरकार का ऐतिहासिक कदम, ग्रेटर नोएडा और वाराणसी में बनेगा ESI मेडिकल कॉलेज

 
यूपी सरकार का ऐतिहासिक कदम, ग्रेटर नोएडा और वाराणसी में बनेगा ESI मेडिकल कॉलेज

उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए ईएसआई योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया है। इसके अंतर्गत श्रमिकों को प्राथमिक और द्वितीयक चिकित्सा देखभाल, सुपर स्पेशियलिटी उपचार और आकस्मिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके अलावा, प्रदेश के विभिन्न जिलों में नए अस्पतालों का निर्माण और ईएसआई निगम के मेडिकल कॉलेज की स्थापना की योजना बनाई जा रही है।

नए अस्पतालों का निर्माण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने मेरठ, शाहजहांपुर, बरेली, गोरखपुर, और ग्रेटर नोएडा में नए अस्पतालों के निर्माण का फैसला लिया है। इसके साथ-साथ, ग्रेटर नोएडा और वाराणसी में ईएसआई निगम के मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना भी बनाई गई है। इससे न केवल चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि श्रमिकों को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं भी मिलेंगी।

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टीबी की मुफ्त जांच और उपचार

इस योजना के तहत, ईएसआई निगम कर्मचारियों और उनके परिवारों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों या जिला अस्पतालों में उपचार के लिए रेफर करता है। इसके साथ-साथ, उपचार पर होने वाले खर्च को रिफंड भी किया जाता है। नकद रहित इलाज की सुविधा प्रदेश के 109 अनुबंधित निजी चिकित्सालयों में उपलब्ध है। डाट्स सेंटर के माध्यम से तपेदिक (टीबी) की मुफ्त जांच और उपचार भी प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा, चिकित्सा अवकाश प्रमाणीकरण की सुविधा भी इस योजना का हिस्सा है।

गोरखपुर और ग्रेटर नोएडा में अस्पतालों के लिए भूमि उपलब्ध कराना

स्वास्थ्य ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए सरकार की योजनाओं में गोरखपुर और ग्रेटर नोएडा में नए अस्पतालों के लिए भूमि उपलब्ध कराना प्राथमिकता पर है। मेरठ, शाहजहांपुर और बरेली में नए अस्पतालों का निर्माण तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को भूमि देने का निर्णय लिया गया है।

12 नई डिस्पेंसरी की स्थापना

ईएसआई निगम ने 12 नए औषधालयों (Dispensaries) की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत 237.50 लाख रुपये और 2025-26 के लिए 80.90 लाख रुपये के उपकरणों की स्वीकृति भी मिल चुकी है। इससे अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, ई-कार्यालय ‘गो-लाइव’ की शुरुआत भी की गई है, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।

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