Uttar Pradesh: सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के शिवलिंग पर जल चढ़ाने मचा बवाल, पुजारियों ने किया मंदिर का शुद्धिकरण

 
Uttar Pradesh: सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के शिवलिंग पर जल चढ़ाने मचा बवाल, पुजारियों ने किया मंदिर का शुद्धिकरण

Uttar Pradesh: सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी द्वारा दीपावली के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने और दीये जलाने के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया है। नसीम सोलंकी ने वनखंडेश्वर मंदिर में जलाभिषेक किया था, जिसमें आर्य नगर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई और कई पार्टी कार्यकर्ता भी शामिल थे। इस घटना के बाद मंदिर समिति और पुजारियों ने हरिद्वार से गंगाजल मंगाकर मंदिर का शुद्धिकरण किया और शिवलिंग को भी धोया। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है।

मंदिर में शुद्धिकरण, गंगाजल से किया स्नान

शनिवार को वनखंडेश्वर मंदिर के पुजारियों और मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने नसीम सोलंकी के जलाभिषेक के बाद मंदिर परिसर में शुद्धिकरण का आयोजन किया। इसके लिए हरिद्वार से गंगाजल मंगाया गया, जिससे पूरे मंदिर परिसर में छिड़काव किया गया और शिवलिंग को भी धोया गया। पुजारियों का मानना है कि यह प्रक्रिया धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप की गई है।

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ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने जारी किया फतवा

नसीम सोलंकी के इस कदम के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने फतवा जारी कर दिया है। उनका मानना है कि नसीम सोलंकी का मंदिर में जलाभिषेक करना इस्लामिक मान्यताओं के खिलाफ है। फतवे के बाद सियासी विवाद और बढ़ गया है।

उपचुनाव से पहले गरमाया माहौल

उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर पहले से ही राजनीतिक गतिविधियां तेज थीं, और नसीम सोलंकी की इस घटना के बाद चुनावी माहौल और गर्मा गया है। सीसामऊ सीट से भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी भी लगातार जनता से मिल रहे हैं और प्रचार में जुटे हैं। वहीं, सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी भी प्रचार में पूरी ताकत लगा रही हैं। इस घटना ने चुनावी जंग को और तीखा बना दिया है।

वीडियो वायरल, चर्चा में नसीम सोलंकी

मंदिर में जलाभिषेक और शुद्धिकरण का वीडियो सामने आने के बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया है। नसीम सोलंकी, जो कि पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी हैं, ने दीपावली के मौके पर मंदिर में जलाभिषेक करके जहां एक तरफ अपने समर्थन में कुछ लोगों को लुभाया है, वहीं दूसरी ओर इस कदम ने सियासी और धार्मिक विवाद को जन्म दे दिया है। अब देखना यह है कि इस विवाद का आगामी उपचुनावों में क्या असर पड़ता है।

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