Vantara Elephants Case: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, वाइल्डलाइफ एक्ट का उल्लंघन का आरोप
गुजरात के जामनगर में स्थित वंतारा में रखे गए हाथियों और अन्य जंगली जानवरों के मामले ने सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने का रास्ता देख लिया है। इस मामले को लेकर एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि वंतारा ने पहले के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया है और अवैध तरीके से हाथियों और अन्य जानवरों को अपने पास रखा है।
इस याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले की महादेवी हथिनी को गुजरात के जामनगर स्थानांतरित किए जाने का विरोध हो रहा है। याचिका में कहा गया है कि यह कदम पूरी तरह से असंवैधानिक है और इससे वाइल्डलाइफ संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन हुआ है।
याचिकाकर्ता, सुप्रीम कोर्ट की वकील जया सुकीन द्वारा दायर की गई इस याचिका में एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की मांग की गई है, साथ ही यह भी अनुरोध किया गया है कि सभी जब्त किए गए हाथियों को उनके मालिकों को वापस करने का आदेश दिया जाए।
इसके अलावा, याचिका में यह भी कहा गया है कि मंदिरों से हाथियों को जबरन ले जाया गया और मालिकों की सहमति के बिना वंतारा में रखा गया। इसमें यह भी कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए अन्य जंगली जानवरों जैसे चीतों, शेरों और तेंदुओं को भी वंतारा में रखा गया है।
याचिका में 2014 में सुप्रीम कोर्ट में WRRC नामक एनजीओ द्वारा दायर याचिका का भी जिक्र किया गया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने हाथियों के मंदिरों में उपयोग को लेकर आदेश दिया था।