गाज़ियाबाद के Vrinda Diagnostic का कारनामा — गर्भवती महिला को दी गई गलत रिपोर्ट, डॉक्टर की सूझबूझ से बची बड़ी चूक; बदतमीज़ी पर उतरा स्टाफ

गाज़ियाबाद स्थित Vrinda Diagnostic Centre एक गंभीर लापरवाही और गैर-पेशेवर रवैये के कारण विवादों में घिर गया है। मामला एक गर्भवती महिला से जुड़ा है, जिसे इस प्रतिष्ठित डायग्नोस्टिक सेंटर ने गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट थमा दी। रिपोर्ट में मौजूद गड़बड़ी अगर समय रहते पकड़ी न जाती, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते थे।
कैसे हुआ खुलासा?
मरीज के परिजनों के अनुसार, वे 13 जून, शुक्रवार को Vrinda Diagnostic आए थे ताकि गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड कराया जा सके। प्रारंभिक जांच के बाद वे रिपोर्ट लेकर चले गए। परंतु 15 जून को मरीज की तबीयत दोबारा बिगड़ने पर वे पुनः अपने डॉक्टर के पास पहुंचे।
डॉक्टर ने जब पुरानी रिपोर्ट का निरीक्षण किया तो उसमें कुछ असामान्यताएं महसूस कीं। गनीमत यह रही कि डॉक्टर ने अपनी सूझबूझ और अनुभव का परिचय देते हुए रिपोर्ट को गंभीरता से लिया और तुरंत Vrinda Diagnostic की डॉक्टर से संपर्क किया। जब दोनों के बीच बातचीत हुई तो यह स्पष्ट हो गया कि रिपोर्ट में भारी गलती है।
डॉक्टर खुद इस गड़बड़ी को देखकर स्तब्ध थीं। उन्होंने तुरंत मरीज को फिर से डिटेल्ड स्कैन कराने को कहा।
Vrinda Diagnostic की प्रतिक्रिया — बदले में बदतमीज़ी
जब मरीज और परिजन पुनः Vrinda Diagnostic पहुंचे और रिपोर्ट की गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाए, तो सेंटर के स्टाफ ने रिपोर्ट देने से मना कर दिया और अभद्रता पर उतर आए। परिजनों का कहना है कि उन्हें वहां अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा।
क्या होता अगर गड़बड़ी न पकड़ में आती?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर डॉक्टर ने अपनी सतर्कता न दिखाई होती तो क्या होता? गर्भावस्था के इस नाज़ुक समय में गलत रिपोर्ट के आधार पर इलाज की दिशा ही गलत हो सकती थी, जिससे माँ और गर्भस्थ शिशु दोनों की जान को खतरा हो सकता था।
शुल्क ज़्यादा, व्यवहार घटिया
Vrinda Diagnostic आमतौर पर अन्य सेंटरों की तुलना में अधिक शुल्क वसूलता है। ऐसे में इस तरह की घोर लापरवाही और गैर-पेशेवर रवैया न केवल मरीजों के विश्वास को तोड़ता है, बल्कि चिकित्सा जगत की साख पर भी सवाल खड़े करता है।
इस पूरे प्रकरण पर जब डायग्नोस्टिक सेंटर के निदेशक ध्रुव शर्मा से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो वे टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।
मांग: जांच और कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग से इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही किसी की ज़िंदगी से न खेले।