बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर: 500 करोड़ के प्रोजेक्ट में क्या है खास, जानिए पूरी जानकारी

 
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर: 500 करोड़ के प्रोजेक्ट में क्या है खास, जानिए पूरी जानकारी

मथुरा: वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर को लेकर गोस्वामी समाज में भारी आक्रोश है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार का प्रमुख ड्रीम प्रोजेक्ट है, लेकिन गोस्वामी समाज का कहना है कि इससे वृंदावन की पारंपरिक संस्कृति और कुंज की गलियां बर्बाद हो जाएंगी, साथ ही दुकानों के हटने से उनकी आय पर भी बुरा असर पड़ेगा। सरकार इस परियोजना को भक्तों के लिए सुविधा प्रदान करने के रूप में देख रही है, लेकिन गोस्वामी समाज अपने विरोध पर अड़ा हुआ है।

सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट: कॉरिडोर का निर्माण

योगी सरकार ने वृंदावन में पांच एकड़ क्षेत्र में कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई है। यह निर्माण करीब तीन साल तक चलेगा। इस परियोजना में मंदिर के रास्ते को चौड़ा किया जाएगा और मंदिर में प्रवेश के लिए तीन गेट बनाए जाएंगे। 30,000 वर्ग मीटर में पार्किंग बनाई जाएगी, और कॉरिडोर को तीन हिस्सों में बांटा जाएगा। पहला हिस्सा मंदिर क्षेत्र और परिक्रमा मार्ग का होगा, दूसरा हिस्सा ऊपरी 10,600 वर्ग मीटर का होगा, और तीसरा हिस्सा 11,300 वर्ग मीटर का निचला हिस्सा होगा।

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मुख्य सलाहकार अवनीश अवस्थी का वृंदावन दौरा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सलाहकार अवनीश अवस्थी हाल ही में वृंदावन पहुंचे और नाराज गोस्वामी समाज के लोगों से मुलाकात की। सुप्रीम कोर्ट ने 5 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की इजाजत दे दी है, जिसकी लागत लगभग 500 करोड़ रुपये होगी, और यह राशि बांके बिहारी मंदिर के खजाने से खर्च की जाएगी। कोर्ट ने यह शर्त भी लगाई कि अधिग्रहित जमीन बांके बिहारी मंदिर के नाम से रजिस्टर्ड होगी।

गोस्वामी समाज का विरोध

गोस्वामी समाज ने कॉरिडोर के खिलाफ चार प्रमुख कारण दिए हैं। उनका कहना है कि इस परियोजना से वृंदावन की पारंपरिक गलियां बर्बाद हो जाएंगी और यहां की संस्कृति खत्म हो जाएगी। इसके अलावा, दुकानों के हटने से उनकी आय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। समाज के लोग यह भी आरोप लगा रहे हैं कि निर्माण के दौरान टेंडर में मनमानी की जाएगी।

प्रदर्शन जारी, सरकार को समझाने की कोशिश

गोस्वामी समाज के लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और वे किसी भी कीमत पर इस परियोजना को मंजूरी देने के लिए तैयार नहीं हैं। सरकार की कोशिश है कि गोस्वामी समाज को समझा-बुझाकर कॉरिडोर के निर्माण को शुरू किया जा सके, ताकि आने वाले दिनों में यहां आने वाले लाखों भक्तों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

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