जब बिहार के लेनिन की हत्या कर दी गई थी
पूंजी वादियों की नजर में वे अपराधी थे , पर बहुजन की निगाह में वे रॉबिन हुड थे। उन्होंने बिहार में जमींदार के ताण्डव पर लगाम लगायी थी। दबंग आये दिन गांव पर आक्रमण कर गरीब मजदूरों की हत्याएँ कर उन्हें लूट रहे थे
"पहली पीढ़ी के लोग मारे जायेंगे, दूसरी पीढ़ी के लोग जेल जायेंगे, तीसरी पीढ़ी के लोग राज करेंगे" इस नारे के साथ
बहुत बड़ी भीड़ के साथ आगे बढ़ रहे थे बिहार के लेनिन जगदेव प्रसाद कुशवाहा।
चलिए जानते हैं कि इस नारे को जीवन्त करने वाले बिहार लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद की किस बर्रबरता से हत्या की गई।
जगदेव प्रसाद का जीवनी कमजोर वर्ग के अधिकार और संघर्ष का वह संघर्ष है जिसने 70 के दशक में ही भारत की राजनीति की दिशा और दशा का निर्धारण कर दिया था।
5 सितम्बर 1974 को जगदेव बाबू पर आंदोलन में पूर्वनियोजित हंगामा के वजह से पुलिस ने उनके ऊपर गोली चला दी। गोली सीधे उनके गर्दन में जा लगी, वे गिर पड। पानी-पानी चिल्लाते हुए जगदेव जी ने थाने में ही अंतिम सांसे ली।
दबंगों का इतना प्रभुत्व था कि बिहार में आकाशवाणी ने इस खबर को प्रसारित नहीं किया था। उनके मौत को आजतक न्याय भी नहीं मिल पाया है। बस कुछ दल आज भी उनके नाम पर राजनीति कर रहा है।