भगवान विष्णु के 10 अवतार कौन-कौन से हैं?

 
भगवान विष्णु के 10 अवतार कौन-कौन से हैं?

हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार धरती पर जब कभी भी धर्म की हानि होने लगी और अधर्म बढ़ता नजर आया, तब-तब भगवान विष्णु ने स्वयं धरती पर अवतार लिए. अर्थात पृथ्वी पर अलग-अलग रूपों में जन्म लिया. यह एक मात्र ऐसे भगवान माने जाते हैं. जिन्होंने मानव की रक्षा, दुष्टों का अंत और धर्म की पुनः स्थापना के लिए अलग-अलग कालों में जन्म लिया है. इनके अवतारों के आधार पर भागवत गीता के चौथे अध्याय में एक श्लोक भी वर्णित है. जोकि इस प्रकार है -

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युदयानमधर्मस्य तादात्मानं सृजाम्यहम।।
परित्राणाय साधुना विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थानाथारय संभवामि युगे युगे।।

अर्थात जब-जब धर्म की हानि और अधर्म का उत्थान हो जाता है. तब-तब सज्जनों की रक्षा और दुष्टों का विनाश करने के लिए मैं विभिन्न युगों में उत्पन्न होता हूं.

WhatsApp Group Join Now

भगवान विष्णु के 10 अवतार

भगवान विष्णु के 10 अवतारों को संयुक्त रूप से दशावतार कहा जाता है. जिनका वर्णन इस प्रकार है -

मत्स्य अवतार: यह अवतार भगवान विष्णु का प्रथम अवतार माना जाता है. मत्स्य अर्थात मछली का रूप धारण करके इन्होंने मनु और सप्त ऋषि को बचाया था. मत्स्य पूरा जानवर या मानव और पशु का रूप था. कहा जाता है, जब राक्षस ने वेदों को चुराकर समुद्र में फेंक दिया था. उसी समय वेदों की रक्षा करने के लिए मछली का अवतार लिया और वेदों की पुनः स्थापित किया.

कच्छप अवतार: इसे 'कूर्म अवतार' भी कहा जाता है. जो समुद्र मंथन के समय प्रकट हुआ था. कूर्म, मत्स्य की तरह पूरा जानवर या मानव पशु का मेल था. इस अवतार में उन्होंने मंदर पर्वत की रक्षा की. इसी दौरान देवताओं ने 14 रत्न प्राप्त किए थे. यह अवतार विष्णु भगवान का दूसरा अवतार कहलाता है.

वराह अवतार: यह तीसरा अवतार माना गया है. इस अवतार में इन्होंने सूअर का रूप धारण कर हिराक्षणाय का वध किया था.

नृसिंह अवतार: विष्णु भगवान का यह चौथा अवतार था. जो अपने भक्त प्रहलाद को बचाने के लिए स्तंभ से उभरे नृसिंह शेर का मुख लगे, मानव के रूप में प्रकट हुए. जिन्होंने अपने पंजों से दानव हिरण्यकश्यप का पेट फाड़ कर उसका वध कर दिया.

वामन: वामन श्री हरि विष्णु का पांचवा अवतार था. जिसमें वह पहले बौने के रूप में प्रकट हुए. फिर उन्होंने विशालकाय रूप ले लिया. और प्रहलाद के पौत्र बलि के द्वार पर ब्रह्मचारी रूप में पहुंचे और दक्षिणा में तीन पग जमीन मांगी. उसके द्वारा उन्होंने तीनों लोगों को नाप कर, राजा बलि का घमंड तोड़ दिया था.

परशुराम: यह छठा अवतार माना जाता है. जो एक ऋषि के रूप में प्रकट हुए. जिनके पास एक कुल्हाड़ी थी. उन्होंने अपने पिता जमदग्नि के आदेश पर अपनी माता और भाई बहन की हत्या कर दी थी. यह भगवान शिव के परम मित्र थे. इसीलिए शंकर ने प्रसन्न होकर है. परशु नामक एक शस्त्र दिया, तभी से इनके राम नाम में परशु जुड़ गया और पूरा नाम परशुराम हो गया. इनका जन्म क्षत्रियों के अहंकार को मिटाने के लिए हुआ था.

राम अवतार: भगवान राम भगवान विष्णु के सबसे खास अवतार हुए हैं. और हिंदू महाकाव्य रामायण के नायक हैं। राम को एक आदर्श पुरुष के रूप में स्वीकार किया गया है. इनका नाम मृत्यु के समय सबसे अधिक याद किया जाता है.

कृष्ण अवतार: भगवान कृष्ण को भगवान विष्णु का संपूर्ण अवतार माना जाता है. इसको कई त्योहारों, अनुष्ठानों में पूजा जाता है. इनकी महाभारत के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इन्होंने अर्जुन को गीता का उपदेश भी दिया है.

भगवान बुद्ध का अवतार: इन्हें कई नाम से जाना जाता है जैसे गौतम, सिद्धार्थ, मुनि या सहज रूप से बुद्ध. यह विष्णु के नौवे अवतार थे. यह एक तपस्वी और ऋषि थे. उनके उपदेशों के अध्ययन से बौद्ध धर्म का पालन करने वाला एक संप्रदाय बना था. इन्हें बौद्ध धर्म का संस्थापक माना जाता है.

कलिक अवतार: यह विष्णु भगवान का अंतिम अवतार है. जो अभी प्रकट होना बाकी है. कलिक दुष्टों का नाश करने के लिए कलयुग के अंत में प्रकट होंगे और उसके बाद नए युग का आरंभ होगा.

जरूर पढ़े:-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शनि की पूजा क्यों करनी चाहिए?

Tags

Share this story