राष्ट्रनायक कौन- अकबर या महाराणा प्रताप?
भारत विचारधाराओं की एक संगम है। इस संगम में हर विचार का सम्मान होता है और जगह मिलती है। इस विचारधारा के लिस्ट में कम्युनिस्ट का भी जगह है और सनातन का भी।
इसी विचारधाराओं की अनसुलझी डोर में एक सवाल जो अपने अस्तित्व के साथ खड़ा है। वह यह है कि देश के दो महान राजा अकबर और महाराणा प्रताप में नायक कौन है?
राजस्थान यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाता है कि हल्दी घाटी की लड़ाई में राजपूत शासक महाराणा प्रताप ने मुगल बादशाह अकबर को मात दी थी। जबकि कई इतिहासकारों के मुताबिक भारत के लिए हल्दी घाटी की लड़ाई के विजेता अकबर ही हैं।
2019 की एक सभा में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि इतिहासकारों ने महाराणा प्रताप के साथ नाइंसाफ़ी की है। महाराणा प्रताप राष्ट्रनायक थे जबकि अकबर को द ग्रेट कहा जाता है।
जाने-माने इतिहासकार हरबंस मुखिया बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में बताते हैं कि यह सच हैं कि महाराणा प्रताप लगभग अकेले राजपूत शासक थे जिन्होंने अकबर के सामने समर्पण नहीं किया। हल्दी घाटी लड़ाई के बाद राणा ने बड़ी मुश्किल से जीवन व्यतीत किया। इसलिए महाराणा प्रताप को एक हीरो की तरह से देखा जाना चाहिए। लेकिन हल्दी घाटी में महाराणा प्रताप हारे थे।
देश में ज्ञहिन्दू और मुस्लिमों की तुष्टीकरण राजनीति के लिए महाराणा प्रताप बनाम अकबर का चर्चा भारत में किया जाता है। हालांकि महाराणा प्रताप के सबसे बड़े सिपहसालार हाक़िम ख़ान थे, जो कि मुसलमान थे। वहीं अकबर के सबसे भरोसेमंद राजा मान सिंह थे जो कि हिंदू थे।
इतना ही नहीं औरंगजेब के सबसे ऊंचे मनसबदार महाराजा जसवंत सिंह और महाराजा जय सिंह थे। साथ ही उनके दरबार में मराठे भी भरे हुए थे। ऐसे में हिंदू बनाम मुसलमान सिर्फ एक राजनीतिक सोच है।