Elon Musk के इंटरनेट सर्विस पर क्यों मोदी सरकार ने लगाई रोक?
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क (Elon Musk) की सैटेलाइट इंटरनेट (Satellite Internet) प्रोवाइडर कंपनी स्टारलिंक (Starlink Internet Services) को मोदी सरकार की 'ना' हैं।
किस चीज के लिए 'ना' हैं। और 'ना' की वजह भी जान लीजिए।
दरअसल अमेरिकी अरबपति व्यवसायी एलन मस्क की कंपनी 'स्पेस एक्स' जो 'लो अर्थ ऑर्बिट' सैटेलाइट के ज़रिए ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराती है। भारत के ग्रामीण इलाक़ों में ब्रॉडबैंड सेवाएं देने के लिए काम करना चाहती थीं।
कंपनी के भारतीय कारोबार के प्रमुख संजय भार्गव ने इस संदर्भ में हाल ही में सोशल मीडिया पर शेयर किया कि स्टारलिंक को यहां पांच हजार से अधिक प्री-बुकिंग मिल चुकी है। वहीं भारत में स्टारलिंक का लक्ष्य दिसंबर 2022 से 2 लाख डिश टर्मिनलों के ज़रिए ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा शुरू करने का लक्ष्य है।
आख़िर सरकार ने क्यों रोका 'स्टारलिंक' को?
दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक आदेश जारी किया कि क्योंकि अभी तक कंपनी को देश में इस तरह की सेवा देने का लाइसेंस नहीं मिला है। साथ ही विभाग ने कंपनी को सर्विस के लिए प्री-बुकिंग तत्काल रोकने को कहा है।
इसके साथ ही NGO Telecom Watchdog) ने स्टारलिंक पर आरोप लगाया था कि स्टारलिंक बिना लाइसेंस के प्री-बुकिंग कर रही है। यह RBI के प्रावधानों का उल्लंघन है। जो भारत के लोगों को ठगने जैसा है।
साथ ही सरकार ने कंपनी के विज्ञापनों और उसकी बुकिंग पर रोक लगा दी। इसके साथ ही सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं की बुकिंग करने से परहेज़ करने के निर्देश भी दिए।