सद्गुरु का संदेश: “मन है हमारी असली पूंजी, इसे संभालना ही सबसे बड़ा निवेश”
नई दिल्ली: हर वर्ष की तरह इस बार भी 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) मनाया जा रहा है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि मनुष्य का सबसे बड़ा संसाधन उसका मन (Mind) है — वही जो दुनिया के सबसे अद्भुत आविष्कारों और तकनीकी क्रांतियों का स्रोत रहा है।
लेकिन यही मन तब विनाश का कारण बन जाता है, जब हम उसकी देखभाल और संतुलन को नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
मन है सबसे बड़ा उपकरण — इसका रखरखाव हमारी ज़िम्मेदारी
मानव मस्तिष्क एक अद्भुत उपकरण है जिसने असंभव को संभव किया है — विज्ञान, कला, तकनीक और मानव सभ्यता के हर क्षेत्र में।
लेकिन यही मन युद्ध, संघर्ष और मानवीय संकटों का कारण भी बनता है।
इसलिए इस #WorldMentalHealthDay पर हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम अपने मन को स्वस्थ रखने के लिए हर दिन कम से कम 7 मिनट देंगे — आत्मचिंतन, ध्यान या किसी शांत अभ्यास के रूप में।
Our Mind is our business - our primary business. The human mind is the most powerful and phenomenal Tool on this planet. It has manifested itself in the most astonishing inventions and technological advances that have become a benchmark of human ingenuity. However, all the… pic.twitter.com/1m4rLMDjIP
— Sadhguru (@SadhguruJV) October 10, 2025
सद्गुरु का संदेश: “हर दिन 7 मिनट मन के चमत्कार को अनुभव करने के लिए दें”
आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु (Sg) ने कहा,
“हमारा मन ही हमारा पहला व्यवसाय है। यह धरती का सबसे अद्भुत उपकरण है, जिसने चमत्कार रचे हैं। लेकिन यदि इसका संतुलन खो जाए, तो यही सबसे बड़ा संकट बन सकता है। इस विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम हर दिन 7 मिनट अपने मन के स्वास्थ्य के लिए समर्पित करेंगे — ताकि यह विश्व में अनेक चमत्कारों का स्रोत बना रहे।”
क्यों जरूरी है मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद और असंतुलन तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार,
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मानसिक अस्वस्थता केवल मन नहीं, बल्कि शरीर और संबंधों को भी प्रभावित करती है।
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ध्यान, सकारात्मक सोच और आत्मनिरीक्षण जैसे उपाय मन को स्थिर करने में मदद करते हैं।
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मानसिक स्वास्थ्य में निवेश करना किसी भी आर्थिक निवेश से अधिक लाभकारी है।