UIDAI का बड़ा कदम: अवैध प्रवासियों पर लगेगी लगाम, आधार के लिए बढ़ी सख्ती
नई दिल्ली: अगर आप 18 साल से ऊपर हैं और अब तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है, तो अब यह पहले जितना आसान नहीं रहेगा। केंद्र सरकार ने आधार नामांकन से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब व्यस्कों को आधार बनवाने के लिए नागरिकता का प्रमाण देना अनिवार्य होगा।
क्या है नया नियम?
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने अब 18+ लोगों को आधार बनवाने से पहले यह साबित करना जरूरी कर दिया है कि वे भारत के नागरिक हैं। इसके लिए पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र, मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट, राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों का उपयोग किया जाएगा।
क्यों हुआ बदलाव?
UIDAI के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में अवैध प्रवासियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार बनवाने की शिकायतें बढ़ीं हैं। इस कारण सरकार ने आधार को केवल पहचान पत्र तक सीमित रखने और नागरिकता प्रमाण के रूप में गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए यह कदम उठाया है।
राज्य पोर्टल से होगी कड़ी जांच
अब नए नामांकन से पहले राज्य पोर्टलों के माध्यम से वैरिफिकेशन होगा। बिना सत्यापन के आधार नहीं मिलेगा। इससे न सिर्फ अवैध प्रवासियों को रोका जाएगा, बल्कि पहचान से जुड़ी धोखाधड़ी भी नियंत्रित होगी।
अब आधार से नहीं मिलेगी नागरिकता
UIDAI ने यह साफ कर दिया है कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है। यह केवल पहचान पत्र है और इसे नागरिकता या वोटर बनने के दस्तावेज के तौर पर नहीं माना जा सकता।
KYC जैसा होगा अपडेट सिस्टम
UIDAI एक नया डिजिटल टूल तैयार कर रहा है, जिससे पैन, ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा डाटा और बिजली बिल जैसी जानकारियों से ऑनलाइन वैरिफिकेशन होगा। ये प्रक्रिया किसी बैंक के KYC प्रोसेस की तरह होगी।