एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल बच्चों का इम्यून सिस्टम करता है कमजोरः शोध
क्या आपको पता है, बच्चों को एंटीबायोटिक्स देना नुकसानदेह साबित हो सकता है? जी हां, हाल ही में हुए एक शोध में पाया गया है कि जिन शिशुओं को शुरूआती 2 वर्षों में एंटीबायोटिक्स दिया जाता है, उनमें कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जैसे- अस्थमा, सांस संबंधी एलर्जी, सीलिएक, एक्जिमा, मोटापा और एकाग्रता में कमी. साथ ही उनके इम्यून सिस्टम पर भी इसका बुरा असर पड़ता है.
मानसिक विकास पर असर
आपको बता दें कि यह शोध रटगर्स यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया है. रटगर्स के सेंटर फॉर एडवांटेड बायोटेक्नोलॉजी एंड मेडिसिन के निदेशक मार्टिन ब्लेसर ने बताया कि एंटीबायोटिक्स का ज्यादा उपयोग न चाहते हुए भी शरीर में एंटीबायोटिक रेसिस्टेन्स बैक्टीरिया के विकास का कारण बन जाता है.
उन्होंने बताया कि बचपन में बीमारियों के ग्रस्त होने पर जब एंटीबायोटिक्स का प्रयोग किया जाता है तो वो बच्चों के इम्यून सिस्टम और मानसिक विकास पर असर डालता है. एंटीबायोटिक्स का प्रयोग शरीर में मौजूद माइक्रोबायोम पर असर डालता है, जो आगे चलकर कई अन्य समस्याओं का कारण बन जाता है.
14,572 बच्चों का हुआ अध्ययन
यह शोध जर्नल मायो क्लिनिक प्रोसीडिंग्स में छपा है. इस शोध में 2003 से 2011 के बीच जन्मे 14,572 बच्चों का अध्ययन किया है. जिनमें से करीब 70 प्रतिशत को जन्म के दो वर्षों के भीतर कम से कम एक एंटीबायोटिक दिया गया था. उनमें से ज्यादातर बच्चे मुख्य रूप से सांस या कान सम्बन्धी संक्रमण से ग्रस्त थे.
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