बुजुर्गों की मानसिक सेहत खराब कर रही है कोरोना महामारी- सर्वे
देशभर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप लगातार जारी है. हर दिन इस वायरस की चपेट में लाखों लोग आ रहे हैं. हालांकि सरकार की ओर से कई राज्यों में लॉकडाउन लगाए जाने के बाद बढ़ते मामलों में कमी देखने को मिली है.
इस बार कोरोना वायरस के लक्षणों में इज़ाफा देखने को मिला पहले यानि 2020 में कोविड के लक्षण इतने गंभीर नहीं थे जितने 2021 यानि दूसरी लहर में देखने को मिले.
वहीं अब एक सर्वे के मुताबिक कोविड के फैलने के समय से 5 में से एक बड़े व्यस्क का मानसिक स्वास्थ्य और नींद पर महामारी का दुष्प्रभाव पड़ा है.
बता दें कि इस सर्वे को हेल्दी एजिंग पर किया गया यह राष्ट्रीय सर्वे यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थकेयर पॉलिस एंड इनोवेशन इन यूएस ने किया है.
साथ ही इस सर्वे में देखा गया है कि मार्च 2020 से बड़े व्यस्कों के मानसिक स्वास्थ्य और नींद पर कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर हुआ है. वहीं चार में से एक बड़े वयस्क कोरोना काल के पहले के मुकाबले ज्यादा बैचेन और चिंतित दिखाई दिए.
वहीं सर्वे के मुताबिक 28 प्रतिशत बड़े व्यस्क निराश या नाउम्मीद थे तो इनमें से 34 प्रतिशत घबराए या बेचैन थे. पाया गया कि 44 प्रतिशत प्रतिभागी तनाव में थे.
इनमें से करीब 64 प्रतिशत को नींद ना आने की समस्या होने लगी या एक बार नींद आने पर सोते रहने की समस्या का सामना किया था.
हालांकि मिशिगन मेडिसिन की जीरियाटिक साइकिएट्रिस्ट लॉरेन गेरलैच कहती हैं, “महामारी के नए दौर में प्रवेश करते समय जब ज्यादा बुजुर्गों को टीका लग रहा है, हमें मानसिक स्वास्थ्य जांच तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करनी होगी और लंबे समय तक तनाव के समय के प्रभाव को पहचान कर से निपटने के लिए व्यवस्था भी करनी होगी.
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