गर्मियों में लीची खरीदने से पहले जानें असली और नकली की पहचान, वरना हो सकता है नुकसान

 
गर्मियों में लीची खरीदने से पहले जानें असली और नकली की पहचान, वरना हो सकता है नुकसान

नई दिल्ली। गर्मियों में लीची एक ऐसा फल है जिसे लोग न सिर्फ स्वाद के लिए खाते हैं, बल्कि यह शरीर को हाइड्रेटेड और ताजगी से भरपूर भी बनाए रखता है। लेकिन जैसे-जैसे बाजार में मिलावट का चलन बढ़ा है, वैसे-वैसे फलों की शुद्धता पर भी सवाल उठने लगे हैं।

लीची में मिलावट का पता न लगने पर यह सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में ज़रूरी है कि लीची खरीदते समय आप कुछ आसान ट्रिक्स से उसकी असलियत की पहचान कर लें।

असली और नकली लीची की पहचान कैसे करें?

1. सूंघकर करें जांच

असली लीची में हल्की मीठी खुशबू आती है, जबकि नकली या मिलावटी लीची में तीखी, केमिकल जैसी या पेट्रोल/केरोसिन जैसी गंध हो सकती है।

2. काटकर देखें पल्प

नेचुरल लीची का पल्प सफेद, पारदर्शी और रसदार होता है। अगर पल्प लाल, सूखा या रंगहीन है, तो समझ लें इसमें मिलावट की संभावना है।

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3. पानी में डालकर टेस्ट करें

एक बाउल में साफ पानी लें और उसमें लीचियां डालें। अगर पानी का रंग बदलने लगे या फल अजीब तरह से तैरने लगे, तो यह मिलावटी हो सकती है।

4. टिश्यू या कॉटन से रगड़ें

लीची को गीले टिश्यू या कॉटन से रगड़ें। अगर रंग उतरता है, तो वह नकली रंग हो सकता है।

5. छूकर महसूस करें छिलका

असली लीची का छिलका खुरदरा होता है। अगर लीची चिकनी या मोमी लगे, तो वह मिलावटी हो सकती है।

क्यों जरूरी है यह पहचान?

लीची जैसे फलों में जब केमिकल, वैक्स या आर्टिफिशियल रंगों का इस्तेमाल होता है, तो यह पेट की समस्या, एलर्जी और लिवर से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इसलिए नेचुरल और असली फल खरीदना ही सेहतमंद विकल्प है।

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