Parenting Tips: अगर बच्चा होमवर्क करने से कतराएं और करें परेशान, तो आजमाएं ये टिप्स

 
Parenting Tips: अगर बच्चा होमवर्क करने से कतराएं और करें परेशान, तो आजमाएं ये टिप्स

Parenting Tips- बच्चों को स्कूल जाना बहुत पसंद होता है, कुछ को कम पसंद तो कुछ को बिलकुल नापसंद।  कुछ बच्चे स्कूल इसलिए भी जाना चाहते हैं कि वहां उन्हें खेलने और दोस्तों से मिलने का मौका मिलेगा। पर स्कूल जाना जरूरी भी है और महत्वपूर्ण भी। इसी तरह स्कूल में दिए गए होमवर्क को करना भी जरूरी है। होमवर्क को लेकर भी हर बच्चा उत्साहित हो यह जरूरी नहीं, लेकिन पढ़ाई के साथ होमवर्क करना भी जरूरी तो है, क्योंकि इससे न केवल पढ़े हुए के रिवीजन का मौका मिलता है, बल्कि अभ्यास भी बना रहता है। कई पैरेंट्स की यह शिकायत होती है कि उनका बच्चा होमवर्क का नाम सुनते ही भाग खड़ा होता है, टालने लगता है, चिड़चिड़ाने लगता है या होमवर्क करने से साफ़ मना कर देता है। यह पैरेंट्स के लिए कई बार चुनौती बन जाती है। खासकर जब बच्चे की उम्र कम हो। अगर आपके साथ भी यह चुनौती है तो इन 4 तरीकों को अपनाकर देखिये, हो सकता है आपकी मुश्किल हल हो जाये और बच्चा होमवर्क में दिलचस्पी लेने लगे। 

उसे न करने की जिद

होमवर्क को लेकर टालने या उसे न करने की जिद 4-10 साल के बच्चों में ज्यादा देखी जाती है क्योंकि बड़ी क्लास में आने के बाद होमवर्क को टालना भी मुश्किल होता है और पढ़ाई को लेकर बच्चों में एक जिम्मेदारी का भाव भी आ जाता है। इसलिए बड़े होने के साथ बच्चे खुद ही होमवर्क को लेकर गंभीर होने लगते हैं।बात यह कि अगर शुरुआती पढ़ाई के साथ ही बच्चों को होमवर्क के लिए जिम्मेदार बना दिया जाए तो आगे मुश्किल नहीं होती। छोटे बच्चों को समझाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि उनके साथ ज्यादा सख्ती करने का मतलब है बात को और बिगाड़ देना। इसलिए यहाँ बहुत धैर्य और शांति से काम करने की जरूरत होती है। 

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इन बातों का रखें ध्यान में
 
1. बच्चे को होमवर्क हमेशा शांति और धैर्य के साथ करवाएं। हर बच्चे की सीखने और समझने की क्षमता अलग होती है। इसलिए कभी भी अपना कोई इम्पोर्टेन्ट काम करते हुए बच्चे को होमवर्क करवाने न बैठें। इससे न आपका काम हो पायेगा, न ही बच्चे का होमवर्क। चिढ़, खीज, गुस्से जैसी स्थितियों पर काबू रखें।

2. होमवर्क के लिए रोज एक समय निश्चित करें और उसी समय पर होमवर्क करने की आदत डालें। 


3. देर रात को, कहीं बाहर से आने के बाद या तुरंत पहले होमवर्क न करवाएं। यह बच्चे के लिए टॉर्चर की तरह ही होगा। अगर आपने इस समय होमवर्क करवा भी दिया तो भी बच्चा सिर्फ काम टालने की तरह इसे पूरा करेगा। 

4. होमवर्क के लिए हवादार और रौशनी से भरपूर कमरा या जगह चुनें। इससे बच्चे के मन में तरोताजगी रहेगी और शांत वातावरण में वह फोकस भी अच्छे से कर पायेगा। 

5 बच्चे के मन में प्रैक्टिस करने की आदत डालें। लेकिन यह काम स्कूल से लौटते ही न करें। बच्चे को कुछ देर आराम का मौका दें इसके बाद उससे पूछें आज क्या-क्या हुआ, क्या-क्या सीखा। इसके बाद उसके साथ उसके फ्रेंड बनकर दोहराएं जो भी उसने सीखा है। आप इसके लिए रंग-बिरंगी किताबें, ऑडियो या वीडियो कैसेट्स आदि की मदद भी ले सकते हैं।

बच्चे चित्र और रंगों को देखकर ज्यादा सीखते हैं। साथ ही उन्हें आस-पास मौजूद चीजों को दिखाकर भी सिखाया जा सकता है। जैसे कि फल-सब्जियां, रंग, पंछी, जानवर आदि। अगर शुरुआत से ही बच्चे के रूटीन में यह आ गया कि उसे अपना होमवर्क करना है तो वह बड़ा होने पर यह उसकी आदत  में आ जायेगा।

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