International Womens Day 2023: ऐसे हुई थी इंटरनेशनल वुमेंस डे मनाने की शुरुआत, जानें इस बार की क्या है थीम

 
International Womens Day 2023: ऐसे हुई थी इंटरनेशनल वुमेंस डे मनाने की शुरुआत, जानें इस बार की क्या है थीम

International Womens Day 2023:  हर साल 8 मार्च को  ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया जाता है। ये दिन दुनिया भर में महिलाओं को समर्पित है। आज हम देखें कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। हर क्षेत्र में आगे निकल रही हैं. सफलता हासिल कर रही हैं। अपने घर-परिवार के दायित्यों, कार्यों को निभाने के साथ ही ऑफिस या अन्य कार्यों की जिम्मेदारियां भी बखूबी निभा रही हैं। समाज, दुनिया के प्रति महिलाओं के योगदान की सराहना जितनी भी की जाए, वो कम है। क्या आपको पता है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब और कैसे शुरू हुआ आइए जानते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

पहला आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 1975 में मनाया गया था जब इसे संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा मान्यता दी गई थी। लेकिन इसकी शुरुआत 1908 के दौरान हुई जब महिलाओं के बीच उनके उत्पीड़न और असमानता के बारे में एक महत्वपूर्ण बहस चल रही थी। इस दौरान बदलाव के लिए अभियान और अधिक मुखर होने लगा जब 15,000 महिलाओं ने काम के घंटे, बेहतर वेतन और साथ ही मतदान के अधिकार की मांग करते हुए न्यूयॉर्क शहर में मार्च किया। 1909 में संयुक्त राज्य में पहला महिला दिवस मनाया गया। 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं का एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था। यहीं पर जर्मनी में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के महिला कार्यालय की नेता क्लारा ज़ेटकिन ने इस विचार का प्रस्ताव रखा था। 1911 में पहली बार ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में 19 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। 1913 और 1914 के बीच, रूस में महिलाओं ने 23 फरवरी को अपना पहला महिला दिवस मनाया। बाद में, यह निर्णय लिया गया कि 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (आईडब्ल्यूडी) को मनाने के लिए विश्व स्तर पर स्वीकृत दिन हो सकता है

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की थीम

आपको बता दें कि जब पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सेलिब्रेट किया गया था, तब उसकी थीम रखी गई थी ‘सेलिब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फॉर द फ्यूचर’। इस साल इंटरनेशनल वुमेंस डे की थीम ‘एम्ब्रेसइक्विटी’ (Embrace Equity)रखी गई है।  इक्विटी का मतलब एक समावेशी दुनिया बनाना है। लैंगिक समानता पर ध्यान देना हर समाज के डीएनए का हिस्सा होना चाहिए। सभी को सक्रिय रूप से इसका समर्थन करने के साथ ही इसे गले लगाना चाहिए।

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