Rudraprayag Dham: जहां होता है मंदाकिनी और अलकनंदा का मिलन, इन जगहों कर लीजिए आप दर्शन
उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। उत्तराखंड ना सिर्फ अपने पर्यटन स्थलों के लिए बल्कि अपने पवित्र तीर्थस्थलों के लिए भी जाना जाता है। उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है Rudraprayag Dham, जिसे उत्तराखंड के पंचप्रयागों में से एक है।
मंदाकिनी एवं अलकनंदा नदियों के संगम पर यहां भगवान रुद्रनाथ का एक अत्यंत प्राचीन मंदिर भी स्थित है। रुद्रप्रयाग जनपद में ही केदारनाथ भी स्थित है। रुद्रप्रयाग से पवित्र तीर्थस्थल चारधाम केदारनाथ की दूरी केवल 76 किलोमीटर की है।
कैसे पड़ा Rudraprayag Dham नाम
जिस स्थान पर केदारनाथ धाम की ओर से आती मंदाकिनी और दूसरी दिशा से आती अलकनंदा नदियों का मिलन होता है, उसी स्थान को हम Rudraprayag Dham के नाम से जानते हैं। रूद्र नाम से संबोधित भगवान भोलेनाथ को किया गया था। यही कारण है कि इस संगम का नाम रूद्र नाम से ही Rudraprayag Dham रख दिया गया।
क्या खास है Rudraprayag Dham के आसपास
- रुद्रनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग में आकर्षण का केंद्र है। गौरीकुंड में स्थित यह मंदिर पंचकेदार में से एक है। नीलकंठ के रूप में भगवान शिव की इस मंदिर में पूजा होती है।
- एक गुफा के रूप में बना अलकनंदा नदी पर स्थित कोटेश्वर मंदिर रुद्रप्रयाग में आकर्षण का केंद्र है। इस मंदिर के बारे में भक्त यह मानते हैं कि केदारनाथ के रास्ते पर इस गुफा में भगवान शिव ने ध्यान दिया था। बताया जाता है कि मूर्तियों का स्वाभाविक रूप से भी गठन यहां उनके द्वारा किया गया था।
- रुद्रप्रयाग जिले में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर जिसे कि तुंगनाथ मंदिर के नाम से जानते हैं, इसके बारे में कहा जाता है कि यह 1000 साल पुराना है। यहां भगवान भोलेनाथ की पंचकेदार में से एक रूप में पूजा-अर्चना होती है।
- यात्री रुद्रप्रयाग मंदिर के पास ही स्थित एक अन्य मंदिर जिसे जगदंबा मंदिर के नाम से जाना जाता है, के दर्शन भी कर सकते हैं। ‘अगस्त्येश्वर महादेव मंदिर’ के दर्शनों के लिए, पर्यटक बड़ी संख्या में अगस्त्य मुनि शहर की यात्रा करते
- रुद्रप्रयाग में स्थित देवरिया ताल, एक मनोहरी दर्शनीय झील है। यह समुद्र की सतह से 2438 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
Rudraprayag Dham कैसे जाएं
रुद्रप्रयाग जाने का सबसे अच्छा समय रुद्रप्रयाग वायुमार्ग, सड़कमार्ग और रेलमार्ग से भली-भाँती जुड़ा हुआ है। पर्यटकों को ग्रीष्म ऋतु में रुद्रप्रयाग के भ्रमण की सलाह दी जाती है क्योंकि इस ऋतु में यहाँ का मौसम सुहाना रहता है।
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