Teachers Day 2021: आखिर क्यों प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है राष्ट्रीय शिक्षक दिवस, जानें इतिहास?
दुनिया के लगभग हर मुल्क में विभिन्न तिथियों पर शिक्षक दिवस (Teachers' Day) मनाया जाता है. यहां तक कि 5 अक्टूबर को हम संयुक्त रूप से ‘विश्व शिक्षक दिवस’ भी सेलीब्रेट करते हैं. एक आंकड़े के अनुसार लगभग 100 देशों में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है. वहीं हमारे देश भारत में प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षकों के योगदान और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए शिक्षक दिवस (Teachers Day) मनाया जाता है. आइये जानें यहां 5 सितंबर को ही शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है तथा इस दिवस विशेष की क्या महत्ता है और कैसे करते हैं हम इसे सेलीब्रेट?
शिक्षक दिवस का इतिहास (History of Teachers Day)
इस दिन आजाद भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (President Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंती मनाई जाती है. डॉ. राधाकृष्णन को एक महान शिक्षक के रूप में जाना जाता है इसलिए उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं. बता दें कि उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था. उन्होंने विभिन्न भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कॉलेजों में शिक्षक के रूप में काम किया है. जब डॉ. एस राधाकृष्णन राष्ट्रपति बने, तो उनके कुछ छात्रों व मित्रों ने अनुरोध किया कि वह उन्हें अपना जन्मदिन मनाने की अनुमति दें. बस तभी से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day) मनाया जाने लगा.
शिक्षक दिवस का महत्व
युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. पुराने समय से ही गुरुओं का एक बड़ा योगदान रहा है. उनके द्वारा दिए गए ज्ञान और मार्गदर्शन से सफलता मिलती है. ऐसे में शिक्षक दिवस को बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है. इसके अलावा, छात्रों द्वारा शिक्षकों के लिए स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती हैं, बल्कि उत्सव, कार्यक्रम आदि आयोजिकत किए जाते हैं. छात्र अपने शिक्षक को गिफ्ट देते हैं. इसके अलावा गुरु-शिष्य परम्परा को कायम रखने का संकल्प लेते हैं.
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