Health Tips:लैंसेट न्यूरोलॉजी आयोग की रिपोर्ट में संकेत, 2050 तक एक करोड़ लोगों की जान ले सकता है स्ट्रोक
 

 
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Health Tips: हार्ट अटैक और स्ट्रोक से वर्ष 2050 तक दुनिया में एक करोड़ लोगों की मौत हो सकती है। यदि प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो प्रतिवर्ष 97 लाख तक मौतें होने का अनुमान है। विश्वस्तर पर स्ट्रोक के बोझ को लेकर पहली बार 4 अध्ययन एक साथ सामने आए हैं, जिसमें यह संदेह जताया गया है। मेडिकल जर्नल द लैंसेट न्यूरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, स्ट्रोक एक अत्यधिक रोकथाम और उपचार योग्य स्थिति है, जो मुख्य रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही है। विश्व स्ट्रोक संगठन और लैंसेट न्यूरोलॉजी आयोग के सहयोग से किए चारों अध्ययन में कहा गया. है कि साल 2020 में स्ट्रोक की वजह से दुनिया में 66 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है। साल 2050 तक यह संख्या बढ़कर 97 लाख पार कर जाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर स्ट्रोक से जूझने वाले लोगों की संख्या 30 वर्ष में करीब दोगुने हो चुके हैं। अध्ययनों में अनुमान जताया है कि 2050 तक भारत सहित निम्न और मध्यम आय वर्गीय देशों में स्ट्रोक से होने वाली मौतें 86 फीसदी से बढ़कर 91 फीसदी हो जाएंगी।

स्ट्रोक को पहचानने के लिए BE FAST तरीका

 B (Be watchful) : अचानक संतुलन बिगड़ने से सावधान रहें।

E (Eyes Problem) : एक या दोनों आंखों में अचानक दृष्टि हानि • होने या दोहरी दृष्टि का अनुभव।

 F (Face) : व्यक्ति को मुस्कुराने के लिए कहें, चेहरे के एक या दोनों तरफ मांसपेशियों की कमजोरी या लकवा की जांच करें।

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A (Arms) : स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति की अक्सर एक तरफ की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। उन्हें हाथों को ऊपर उठाने को कहें। ऐसे न हो तो सावधान हो जाएं।

S (Speak) : स्ट्रोक के कारण 'व्यक्ति बोलने की क्षमता खो देता है। उन्हें बोलने में दिक्कत या आवाज फंसने की समस्या हो सकती है।

 T(Time) : ऐसी समस्याएं हो रही है तो ये समय है कि आप तुरंत 'डॉक्टर के पास जाएं और मदद लें।

इन लोगों में स्ट्रोक का खतरा अधिक


शराब या धूम्रपान का सेवन करने वालों में स्ट्रोक होने का जोखिम हो सकता है।

अनियंत्रित ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की समस्या भी आपमें स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती है।

ये सभी स्थितियां रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुंचाती हैं, जिससे स्ट्रोक का जोखिम अधिक हो सकता है।

देश में 20 लाख से ज्यादा लोगों पर निगरानी


गैर-संचारी रोगों से निपटने के  लिए देश में सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। हाल ही में इंडिया हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव ने 20 लाख से अधिक रोगियों की डिजिटल निगरानी में सफलता हासिल की है।

डॉ. राजीव बहल, महानिदेशक, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)


कारणों पर गौर करना जरूरी, तभी कंट्रोल होगा

स्ट्रोक के बढ़ने के कारणों पर भी गौर करना जरूरी है। क्षेत्रवार हमे यह समीक्षा करने की जरूरत है कि आखिर किन कारणों की वजह से स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं, तभी कंट्रोल होगा।

- प्रो. जयराज पांडियन, अध्यक्ष, विश्व स्ट्रोक संगठन

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