आज धनतेरस का पर्व, जानें पूजा का विशेष मुहूर्त, ऐसा रहेगा दीपावली का शुभ मुहूर्त और योग
भारतवर्ष में कई प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं। विशेषकर हिंदू धर्म में हर महीने एक पर्व की घड़ी होती है। लेकिन दीपावली का पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है. यह एकमात्र ऐसा पर्व है जो अपने साथ चार अन्य पर्वों की धूम भी लेकर आता है. इस प्रकार इस पर्व को पांच दिवसीय पर्व के रूप में जाना जाता है।
इस प्रकार दीपावली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत धनतेरस के पर्व से होती है और भैया दूज के पर्व से समाप्त होती है. तो आइए इस वर्ष एक-एक करके हम समस्त पांच दिवसीय पर्व के शुभ मुहूर्त के विषय में जानते हैं।
धनतेरस का पर्व और उसका शुभ मुहूर्त
हिंदू धार्मिक कैलेंडर के मुताबिक धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस पर्व पर मां लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा की जाती है। धनतेरस के इस पर्व से ही दीपावली के पर्व की शुरुआत होती है. माना जाता है कि धनतेरस पर सोना व चांदी खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. इस साल धनतेरस का पर्व 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
विशेष मुहूर्त
कृष्ण त्रयोदशी का प्रारंभ: 22 अक्टूबर, शनिवार को सायंकाल 6:02 से कृष्ण त्रयोदशी का अंत: 23 अक्टूबर सायं 6:03 तक रहेगा. त्रिपुष्कर योग: अपराह्न 1:50 से सायंकाल 6:02
नरक चतुर्दशी या काली चौदस का पर्व
धनतेरस के शुभ दिन के बाद अगले ही दिन नरक चतुर्दशी का पर्व मनाई जाती है. पश्चिम बंगाल में काली चौदस के नाम से मनाया जाता है. हर वर्ष यह कार्तिक मास के कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल काली चौदस की पर्व 23 अक्टूबर की पड़ रही है लेकिन छोटी दीपावली का त्योहार 24 अक्टूबर के दिन सायं काल तक मनाया जाएगा.
दीपावली का शुभ मुहूर्त और योग
दीपावली का त्योहार भगवान श्री राम और सीता जी के वनवास से वापस आने के बाद सर्वप्रथम अयोध्या में मनाया गया था. हर साल इस पर्व को कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष 24 और 25 अक्टूबर दोनों ही दिन पड़ रही है. लेकिन इस साल 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ रहा है. इसी कारण दीपावली का यह पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा
गोवर्धन पूजा भगवान श्री कृष्ण की कथा से जुड़ी हुई है. इस पूजा में भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का घमंड तोड़ा और अपनी तर्जनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था. जिसके बाद से गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई. इस प्रकार इस त्योहार के महत्व से श्री कृष्ण ने अवगत कराया. हर साल यह पर्व बड़ी दीपावली के बाद मनाया जाता है. लेकिन इस साल दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण पड़ रहा है. ऐसे में 26 अक्टूबर 2022 को गोवर्धन का पर्व मनाया जाएगा।
भाई दूज पर्व की पूजन तिथि
भाई बहन के यह पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इसके अलावा यह गोवर्धन पर्व के अगले दिन ही मनाया जाता है. इस प्रकार इस साल 2022 में भैया दूज का परिवार 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
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