100 साल में सिर्फ 1-2 बार उगता है Bamboo Rice, चमत्कारिक गुणों के कारण होती है मोटी कमाई
भारत में चावल की अच्छी फसलें होती है। यहां खाने में लोग खाने में दाल-चावल, कढ़ी-चावल, छोले चावल और चावल की कई रेसिपी मनपसंद तरीके से खायी जाती है। कई लोग जब तक चावल नहीं खाते हैं तो मानो उनका खाना ही पूरा नहीं होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 6000 से ज्यादा वैराइटी के चावल मिलते हैं।
दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक चावल को लेकर अलग अलग तरह के प्रयोग किए जाते है। लेकिन आजतक आपने व्हाइट और ब्राउन राइस के बारें में सुना होगा। लेकिन क्या आपने Bamboo Rice के बारें में सुना है। Bamboo Rice को मुलयरी कहा जाता है। ये एक मरते बांस के पेड़ की आखिरी निशानी है। आईये बताते है इसके बारें में-
कैसे होता है Bamboo Rice
बांस की झाड़ में अगर फूल आ जाए तो इसका मतलब है कि वो झाड़ मरने वाली है। इस बांस के फूल से एक बेहद दुर्लभ किस्म का चावल निकलता है और यही Bamboo Rice होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार केरल के वायानाड सेंचुरी के आदिवासियों के लिए यह चावल ना सिर्फ खाने पीने का बल्कि आय का भी अच्छा स्त्रोत है। इसका स्वाद ड्राइंग, मीठा और थोड़ा कसैला होता है।
A new rare rice named Bamboo rice has arrived in Tripura, which is also known as Mulayari rice. It was launched by CM Biplab Deb on 7 October last year. This rice is produced under a special process by sowing the seeds from bamboo flower. @Sweet_HoneygaI@SouleFacts pic.twitter.com/i68XkBpqOl
— KayJay | किसलय (@beautifuImind_) November 29, 2021
100 साल में 1-2 बार उगते है Bamboo Rice
आमतौर पर किसी बांस की झाड़ में 50-60 साल बाद ही फूल निकलते हैं, यानि 100 साल में 1 से 2 बार ही यह चावल उगते हैं। बांस का चावल इक्ठ्ठा करने के लिए बांल के मूल को फैलाते है मूल पर मिट्टी पोती जाती है और उसे सूखने के लिए छोड़ देते है। सूखने के बाद बांस के चावल को स्टोर किया जाता है और फिर इकठ्ठा करते है।
Odisha is famous for bamboo rice. While bamboo rice or mulayari grows only once in several years, in case a dying bamboo shoot flowers and leaves its seed in it. Muli bamboo, which is commonly grown in Tripura, is particularly favorable for this sweet, wheaty, nutritious bam… pic.twitter.com/o3BmUoBR8T
— Asutosh Biswal (@asutoshbaba) December 14, 2021
100 से 150 रुपये किलो बिकता है Bamboo Rice
इस चावल का बाजार में ज्यादा प्रचलन नहीं है और सप्लाई भी काफी कम है, क्योंकि इसकी खेती में बहुत अधिक वक्त लगता है। इसकी कीमत 100 से 150 रुपये से शुरु होती है। जंगलों में रहने वाले आदिवासियों के लिए आय का प्रमुख साधन है। इसकी ऑनलाइन बिक्री बहुत मात्रा में होती है। साथ ही अच्छी कमाई देती है।
बांस के चावल के फायदे
- बैंबू राइस में कार्ब्स, विटामिन ए, बी 1, बी 2, बी3, बी6, मिनरल, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस और फाइबर होते है।
- बांस का चावल जोड़ों में दर्द, कमर दर्द और आमवाती दर्द में बेहद लाभदायक होता है।
- इसके सेवन से कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक नहीं होती है।
- पुरुषों में प्रजनन क्षमता में भी इजाफा होता है साथ ही स्पर्म काउंट की मात्रा भी बढ़ती है। जिससे प्रजनन क्षमता बूस्ट होती है।
- फैट कम करने के लिए, पॉइजनिंग खत्म करने के लिए इसका प्रयोग होता है।
यह भी पढ़ें- Navratri महाअष्टमी पर सबको खिलाएं स्पेशल Kuttu Dosa, किसी ने नहीं देखी होगी ऐसी डिश