ग्रेटर नोएडा में किसान और सफाई कर्मचारियों का हल्ला बोल, इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

 
ग्रेटर नोएडा में किसान और सफाई कर्मचारियों का हल्ला बोल, इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर आज प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर जबरदस्त हल्ला बोल करते हुए जमकर नारेबाज़ी की, विकास प्राधिकरण के दोनों गेटों पर प्रदर्शकारी डटे रहे, एक तरफ किसान प्राधिकरण के गेट पर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ प्राधिकरण के दूसरे गेट पर सफाई कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों की ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर पहुंचने की खबर मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया हालांकि किसानों ने 18 जुलाई को प्रदर्शन करने की पहले ही चेतावनी दी हुई थी लेकिन इसी बीच सफाई कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गए और नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठकर जिसके बाद स्थिति काबू से बाहर होने लगी इसी को देखते हुए प्राधिकरण ने बड़ी संख्या में पुलिस प्रशासन को प्राधिकरण के गेट पर तैनात कर लोगों को समझाने का प्रयास भी किया।

आखिर क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन

ग्रेटर नोएडा अपनी साफ-सफाई और हरियाली के लिए जाना जाता है प्राधिकरण हर सेक्टर में साफ-सफाई को प्राथमिकता देने के लिए समय-समय पर अभियान भी चलाता है लेकिन सड़क पर उतर कर शहर की गंदगी साफ करने वाले सफाई कर्मचारी शोषण का शिकार हो रहे हैं। सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि कई वर्षों से हम ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन आज तक उनको पक्की नौकरी नहीं दी गई है ठेकेदारी प्रथा के तहत लगातार उनका शोषण किया जाता है जिसकी कोई सुनवाई नहीं होती।सफाई कर्मचारियों का कहना है कि प्राधिकरण और अन्य तमाम सरकारी विभागों में काम करने वाले सफाई कर्मचारी की सैलरी उनके मुकाबले ज्यादा है जबकि वही काम काफी मेहनत से करने के बाद भी उन्हें आजीविका चलाने के लिए बेहद मशक्कत करनी पड़ती है। सफाई कर्मचारी के आंदोलन में खास बात यह रही कि बड़ी संख्या में महिलाओं सफाई कर्मचारियों ने भी नारेबाजी करते हुए अपना हक पाने के लिए बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है, सफाई कर्मचारियों का कहना है कि सबसे पहले प्राधिकरण ठेकेदारी प्रथा को खत्म करें और उन्हें स्थाई और पक्की नौकरी दी जाए इसके साथ ही अन्य सफाई कर्मचारियों को जो पक्की नौकरी में मूलभूत सुविधाएं दी जाती हैं वह भी उन्हें बिना किसी देरी के दी जाए।

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किसान आंदोलन की बड़ी वजह

ग्रेटर नोएडा में तमाम बड़े-बड़े उद्योग और फैक्ट्रियां लगी हुई है यही वजह है कि रेवेन्यू के मामले में ही गौतमबुद्धनगर ज़िला यूपी में सबसे अहम माना जाता है गौतमबुद्धनगर को लेकर यूपी के सीएम कई बार यहां का दौरा कर चुके हैं और इन्वेस्टमेंट समिट में भी यहां के निवेश को बढ़ाने के लिए कई बड़ी परियोजना पर शुरू की गई थी लेकिन जिन जगह पर परियोजनाओं का निर्माण किया जाए दरअसल वह किसानों से अधिग्रहण की गई हैं, किसानों का आरोप है कि अब से पहले भी भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जो वादे सरकार ने किए थे वह अभी तक पूरे नहीं हुए हैं इसी को लेकर समय-समय पर ग्रेटर नोएडा के किसान आंदोलन करते हैं।मंगलवार को दोपहर में ग्रेटर नोएडा के किसान एक साथ इकट्ठा होकर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के गेट पर पहुंचे और जमकर हल्ला बोल करते हुए नारेबाजी और धरना प्रदर्शन करने लगे।किसानों की मांग है कि उन्हें 64.7% अतिरिक्त मुआवजा 6% और 10% आबादी भूखंडों से जुड़े मामले जो काफी समय से लटके हुए हैं उनको बिना किसी देरी के दिया जाए इसके अलावा किसानों की बड़ी समस्या यह भी है कि आबादी निस्तारण, बैकलीज और दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जो भी किसान प्रभावित हैं उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। कई बार किसानों ने आंदोलन किया लेकिन जनप्रतिनिधियों ने उन्हें भरोसा दिलाया की समस्या का समाधान होगा लेकिन हर बार नतीजा निराशा करने वाला ही रहा।हाल ही में ग्रेटर नोएडा के किसानों ने कई दिन तक प्राधिकरण के गेट पर जबरदस्त आंदोलन किया था लेकिनगौतमबुद्धनगर में यूपी के सीएम आने की वजह से किसानों की वार्ता कर जनप्रतिनिधियों ने धरना प्रदर्शन को समाप्त करा दिया लेकिन अब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होने की वजह से किसानों ने दोबारा से 18 जुलाई को प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी जिसके तहत आज किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया।

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