Noida प्राधिकरण के अहम फैसले को मिली मंजूरी, 80 गांव से मिलकर बनेगा न्यू नॉएडा

 
Greater Noida authority

Noida News:  नोएडा प्राधिकरण की 210वीं बोर्ड बैठक में बेहद अहम परियोजना को मंजूरी मिल गई है। बोर्ड बैठक में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बाद अब "न्यू नोएडा" को बसाने के लिए हरी झंडी मिल गई है। "न्यू नोएडा"बुलंदशहर जिले के 60 गांव और गौतमबुद्धनगर के 20 गांव को मिलाकर बनाया जाएगा। बोर्ड बैठक में मंजूरी मिलने के बाद यह प्रस्ताव अब शासन को भेजा जाएगा और शासन की मंजूरी मिलने के बाद "न्यू नोएडा" के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा।

 

न्यू नोएडा बसाने की बड़ी वजह  

 

गौरतलब है नोएडा प्राधिकरण की यह बोर्ड बैठक सीईओ लोकेश एम की पहली बोर्ड बैठक थी जिसकी अध्यक्षता नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने की। गौतमबुद्धनगर में नोएडा बनने के बाद ग्रेटर नोएडा बनाया गया था लेकिन इंडस्ट्रियल हब और मल्टीनेशनल कंपनी यहां बड़ी तादाद में होने की वजह से ग्रेटर नोएडा भी अब पूरी तरह से बस चुका है और यहां नए प्रोजेक्ट के लिए जमीन नहीं बची है। ऐसे में जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी जैसे बड़े प्रोजेक्ट ग्रेटर नोएडा में आने के बाद अब यहां पर जमीन की कमी हो गई थी एयरपोर्ट बनने के बाद आसपास में तेजी से विकास होगा जिसके लिए प्राधिकरण को बड़ी मात्रा में जमीन को आवश्यकता होगी जिसको देखते हुए एक नया शहर बसाने की योजना काफी दिनों से बन रही थी इसी को देखते हुए अब "न्यू नोएडा" को बसाने के लिए बोर्ड बैठक में प्राधिकरण ने मंजूरी दे दी है।

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न्यू नोएडा बनने क्या होगा ?

आपको बता दें कि न्यू नोएडा बनने से बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के 80 गांव में बेहद तेजी से विकास होगा और यहां पर औद्योगिक इकाइयां भी स्थापित की जाएगी। न्यू नोएडा की जमीन पर 40% औद्योगिक इकाइयों को लगाने के लिए, 18% जमीन पर ग्रीन एरिया विकसित होगा, 13% पर आवासीय परियोजना बनाई जाएंगी। "न्यू नोएडा" के लिए 21 हजार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। न्यू नोएडा को बसाने और भूमि अधिग्रहण करने के लिए प्राधिकरण ने एक हजार करोड़ रुपए भी आवंटित किए हैं। न्यू नोएडा बनने से यहां पर लॉजिस्टिक्स हब, नॉलेज सेंटर, इंटीग्रेटेड टाउनशिप और स्किल डेवलपमेंट सेंटर होंगे। इसके साथ ही शिक्षण संस्थान, मल्टीनेशनल कंपनियां और विदेशी आउटलेट के ब्रांड भी यहां पर बनाए जाएंगे। "न्यू नोएडा" बनने से इस इलाके में लगभग 6 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना जताई जा रही है।

 

भविष्य को देखते हुए हुआ अहम निर्णय

वर्तमान में अगर बात की जाए तो गौतमबुद्धनगर में रेलवे के दो बड़े कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं, जिसमें एक दिल्ली मुंबई है और दूसरा दिल्ली कोलकाता रेलवे कॉरिडोर बनाए गए हैं। भौगोलिक अगर स्थिति की बात की जाए तो दोनों ही कॉरिडोर "न्यू नोएडा" को बनाने में अधिग्रहण किए जाने वाले गांव से एक दूसरे को टच कर रहे हैं इसलिए भविष्य को देखते हुए यहां पर बड़ी औद्योगिक इकाइयां लगाई जाएगी। औद्योगिक विकास के लिए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को भी बड़े पैमाने पर जमीन की आवश्यकता है। प्राधिकरण ने जमीन की जरूरत को पूरा करने के लिए ग्रेटर नोएडा फेस 2 का मास्टर प्लान 2047 को प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में पेश किया। ग्रेटर नोएडा फेस 2 को 56 हजार हैक्टेयर एरिया बसाया जाएगा। ग्रेटर नोएडा का पहला फेस लगभग 31 हजार हेक्टेयर में बना है।  ग्रेटर नोएडा फेस 2 में औद्योगिक को अधिक प्राथमिकता दी जाएगी इसके अलावा हाउसिंग,ग्रामीण आबादी,मिक्स लैंड यूज,ग्रीनरी,संस्थागत और ट्रांसपोर्ट के लिए एरिया प्रस्तावित किया गया है। ग्रेटर नोएडा फेस 2 के लिए गौतमबुद्ध नगर के दादरी, हापुड़ और बुलंदशहर जिले के 54 से अधिक गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। ग्रेटर नोएडा फेस 2 और न्यू नोएडा दोनों को एक दूसरे के नजदीक ही बनाया जाएगा।

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