Noida News: कोरोना काल में ली गई फीस समायोजित नहीं करने पर स्कूलों की मान्यता रद्द करने की अभिभावकों की मांग

 
noida news

Noida News: नोएडा में कोरोना काल के दौरान छात्रों के अभिभावक से ऑनलाइन क्लास चलने के बावजूद भी वसूली गई स्कूल की पूरी फीस को समायोजित करने के आदेश को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग के कई बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी अभी तक गौतमबुद्धनगर के 350 निजी स्कूलों में से 50 स्कूलों ने ही फीस समायोजित की है।वहीं अब ऑल नोएडा स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन गूगल फॉर्म के जरिए दो हजार अभिभावकों को जोड़कर फीस समायोजित नहीं करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने की मांग करने जा रहे है। निजी स्कूलों को 2 महीने पहले जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से सर्कुलर भेज कर कोरोना काल की फीस समायोजित करने का विवरण मांगा था। निजी स्कूल सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर फीस समायोजित नहीं कर रहे थे। इसके बाद प्रदेश सरकार ने न्यायालय के आदेश का स्पष्टीकरण जारी किया था। जिला विद्यालय निरीक्षक में 5 जुलाई 2023 को जिले के यूपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड और आईसीएसई बोर्ड के 350 स्कूलों को सर्कुलर भेज एक सप्ताह में फीस समायोजित करने का विवरण मांगा था। 

शिक्षण सत्र -2020-2021 में ऑनलाइन हुई क्लासेस

आपको बता दें कि कोरोना काल की वजह से शिक्षण सत्र 2020 2021 में घर से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया गया था लेकिन स्कूल की ओर से अभिभावकों से पूरी फीस ली गई थी। अभिभावकों ने शुरू में इसका विरोध किया लेकिन स्कूल की मनमानी की वजह से अभिभावक हाईकोर्ट चले गए थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अभिभावकों 15% फीस लौटाने का आदेश स्कूलों को दिया था जिसके बाद स्कूलों को छात्रों की फीस अगले सत्र में समायोजित करनी थी और जो छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं उनको वापस लौटानी थी। इस आदेश के बाद से जिला विद्यालय निरीक्षक ने स्कूल को सर्कुलर भेजकर फीस समायोजित करने का विवरण मांगा था।गौरतलब है कि फीस समायोजित नहीं करने पर गौतमबुद्धनगर के डीएम ने 100 स्कूलों पर एक- एक लाख रूपए का जुर्माना लगाया था लेकिन स्कूल सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। शिक्षा विभाग का कहना कि सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों को फीस लौटाने पर रोक लगाई थी जबकि इसको पूरे मामले में रोक की तरह देखा जा रहा था।गौतमबुद्धनगर में करीब 50 स्कूलों ने फीस समायोजित की था।जिला प्रशासन की तरफ से स्कूलों को रिमाइंडर भेजे गए हैं और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्पष्टीकरण भी भेजा गया है।

WhatsApp Group Join Now


 

Tags

Share this story