गौ माता को पालने से होती है सौभाग्य में वृद्धि, जानिए गौ सेवा का महत्व
हिंदू धर्म में गौ माता का एक अलग ही स्थान है। गौ माता को पृथ्वी की प्रतीक भी मानते है। यदि बात करे प्राचीन काल की तो उस समय हिंदू धर्म में गौधन को परम धन माना जाता था। गौसेवा, गौरक्षा और गौपालन को सर्वश्रेष्ठ मानते थे। भगवान श्री कृष्ण को भी गऊ माता अति प्रिय थी। गौ माता में समस्त संसार के देवी देवताओ और चारों वेदों का वास है। गाय के दूध, घी, गोबर और गौमूत्र में समस्त देवी देवताओं के अंश समाहित होते है। मान्यताओं के अनुसार केवल गौमाता ही एक मात्र ऐसी जीव है जो ऑक्सीजन लेती भी है और ऑक्सीजन छोड़ती भी है।
संतान प्राप्ति के लिए मान्यता है कि अपने बछड़े को स्तनपान करा रही गाय का गैजेट शयनकक्ष में लगाने से नि:संतानता की समस्या दूर होती है, और स्वस्थ व गुणवान संतान की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि अपने बछड़े को दूध पिला रही गाय के प्रतीक रूप को घर में स्थापित करने से न सिर्फ योग्य संतान की प्राप्ति होती है, बल्कि ऐसी संतान को कभी भी धन का अभाव नहीं होता। गाय के इस प्रतीक को दंपत्ति अपने बेडरूम में इस तरह रखें,जिससे उनकी नज़र बार-बार इस पर पढ़े।
गौ माता की सेवा का सौभाग्य
सिक्कों के ढेर पर बैठी हुई गाय का प्रतीक रूप वास्तु और फेंग्शुई में बहुत लोकप्रिय है। ऐसा प्रतीक घर या दफ्तर कहीं भी स्थापित किया जा सकता है, जो कि परिवार व संस्थान के लिए सौभाग्य व समृद्धि आमंत्रित करता है। व्यापार में वृद्धि के लिए इसे कार्यालय में रखना एक बहुत ही कारगर उपाय है जिसके परिणामस्वरूप सकारात्मकता और सफलता मिलती है।
करियर में सफलता के लिए यदि किसी मनुष्य को अपने करियर में बार-बार असफलता का सामना करना पड़ रहा है ,और लगातार प्रयास करने के वाबजूद सफलता प्राप्त नहीं हो रही है, तो अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए वह अपने स्टडी रूम या ऑफिस में गाय की मूर्ति को लगाकर शुभ परिणाम प्राप्त कर सकता है।आप जो भी काम करते हैं,ये आपके फोकस को बढ़ाने में आपकी मदद करेगी एवं करियर संबंधी दिक्क्तों को दूर करने में सहायता करती है। इसे अपने ऑफिस टेबल पर स्थापित करें यह आपको मेहनत का उचित फल दिलाने में सहायक होगी। पढ़ाई में एकाग्रता व परीक्षा में सफलता पाने के लिए इसे विद्यार्थियों की स्टडी टेबल पर रखना चाहिए।
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