भगवान कृष्ण अपने सिर पर मोर पंख क्यों धारण करते हैं

 
भगवान कृष्ण अपने सिर पर मोर पंख क्यों धारण करते हैं

भगवान श्री कृष्ण को इस संसार में सभी जानते है. भारत ही नही बल्कि विदेशों में भी श्री कृष्ण के भक्तों की कमी नहीं है. कोई कृष्ण को माखन चोर कहता है तो कोई नंदलाल. मगर क्या आप जानते है की मां यशोदा के इस लाल को क्या क्या प्रिय है जिनके बिना यह अधूरे हैं.

श्री कृष्ण का रूप ही निराला है इसी के चलते राजा पौंड्रिक ने भी प्रभु श्री कृष्ण का रूप धारण कर खुद को भगवान विष्णु का अवतार मानना शुरू कर दिया था. पौंड्रिक ने वह सब धारण किया था जो कि श्री कृष्ण धारण करते थे. तो आइए जानते है कि किन चीजों के बिना अधूरे है कृष्ण.

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भगवान कृष्ण की प्रिय वस्तुएं

इसमें सबसे पहला नाम आता है श्री कृष्ण की बांसुरी का. मुरलीधर को अपनी बंसी अति प्रिय है और वह इसके बिना अधूरे है. बांसुरी से निकलने वाला स्वर मन-मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है. जिस घर में बांसुरी रखी होती है वहां के लोगों में परस्पर तो बना रहता है साथ ही सुख-समृद्धि भी बनी रहती है.

इसके बाद आता है मयूर पंख जो कि श्री कृष्ण के माथे पर विराजमान है. इसको हम मोर पंख भी कहते है. वैसे मोर पंख को भगवान कार्तिक का प्रतीक माना जाता है. मोर पंख में मां लक्ष्मी और मां सरस्वती का वास माना जाता है. इसके घर में होने से विद्या और धन दोनो की कमी नही होती है. साथ ही इसको बांसुरी के साथ घर में रखा जाए तो मां लक्ष्मी और सरस्वती के साथ श्री कृष्ण की भी कृपा प्राप्त होती हैं.

इस बात से सभी परिचित है कि नंद लाल को माखन मिश्री कितना प्रिय है. श्री कृष्ण ने अपने बचपन में सभी ग्वालों के घर से माखन मिश्री चोरी कर खाया है. माखन चोर बिना माखन मिश्री के अधूरे है.

गिरधारी के गले में हमेशा माला धारण करें रहते है. यह माला वैजयंती के फूल की होती है और माला अति शुभ और पवित्र है. भगवान विष्णु और लक्ष्मी को यह अति प्रिय है. श्रीकृष्ण को यह माला अत्यन्त प्रिय है. भगवान श्रीकृष्ण हमेशा अपने गले में इसे धारण करते थे.

श्री कृष्ण को गाय चराते हुए कई बार हमने किसी वीडियो में देखा या कहानी में सुना है. मगर यह बहुत ही कम लोग जानते है की श्री कृष्ण को गौ माता अति प्रिय है. शास्त्रों के अनुसार गाय में 33 कोटि देवी देवताओं का स्थान है.

श्री कृष्ण को पीतांबर वस्त्र अति प्रिय है और जो भी भक्त पीतांबर वस्त्र धारण कर श्री कृष्ण की आराधना करता है प्रभु उससे जल्दी प्रसन्न होते हैं.

यह बहुत ही कम लोग जानते है कि श्री कृष्ण चंदन के बिना भी अधूरे है. चंदन का तिलक लगाने से पापों का नाश होता है, व्यक्ति संकटों से बचता है, उस पर लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है, ज्ञानतंतु संयमित व सक्रिय रहते हैं. चंदन का तिलक ताजगी लाता है और ज्ञान तंतुओं की क्रियाशीलता बढ़ाता है.

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