Chaitra Navratri 2022: यहां नवरात्रों में बढ़ जाता है मैया की मूर्ति का आकार, जानिए 'बहरारे वाली माता' का अनोखा रहस्य....

 
Chaitra Navratri 2022: यहां नवरात्रों में बढ़ जाता है मैया की मूर्ति का आकार, जानिए 'बहरारे वाली माता' का अनोखा रहस्य....

Chaitra Navratri 2022: यदि भक्त माता की सच्चे मन से आराधना कजते हैं व उन्हें पुकारते हैं. तो माता उनकी रक्षा के लिए दौड़ी चली जाती हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां माता ने भक्तों की रक्षा के लिए विकराल रूप धारण किया हो या प्रकट हुई हों.

आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. वह मंदिर पांडवों की कुलदेवी का है. आपको एक हैरान करने वाला तथ्य बता दें कि इस मंदिर में माता की प्रतिमा पूरे साल सामान्य रहती है.

लेकिन नवरात्रि के पावन दिनों में मां की प्रतिमा दिन-प्रतिदिन बढ़ती है. और यही नहीं नवरात्रि की नवमीं तिथि को गर्भगृह से बाहर आ जाती हैं.

आइये आज हम आपको बताते हैं. माता के इस अनोखे मंदिर के बारे में जहां नवरात्रि में बढ़ती है. मां की प्रतिमा. आशा करते हैं आपको यह लेख पसन्द आएगा.

WhatsApp Group Join Now
https://youtu.be/g9ETuaYyzwM
Chaitra Navratri 2022

माता का अनोखा मंदिर

माता का यह अनोखा मंदिर मध्य प्रदेश में मुरैना नामक स्थान के पास, कैलारस-पहाड़गढ़ मार्ग पर जंगली पहाड़ों पर स्थित है. यहां के जंगलों में माता को 'बहरारे वाली माता' कहा जाता है.

आश्चर्यजनक बात है कि जो प्रतिमा पूरे वर्ष एक जैसी रहती हो, वह नवरात्रि के दिनों में नौ दिनों तक बढ़े. और नवमीं तिथि को गर्भ गुफा से बाहर आ जाए.

पौराणिक कथाओं में बताया गया है. कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के समय में इसी स्थान पर अपनी कुलदेवी की पूजा की थी. पांडवों द्वारा पूजा के दौरान कुलदेवी एक बड़ी शिला में समाहित हो गईं.

आस पास के लोगों व पुजारियों ने मंदिर में स्थित शिला को मूर्ति का रूप देने का प्रयास किया. लेकिन प्रत्येक प्रयास सिर्फ प्रयास बनकर रह गया.

ये भी पढ़ें:- Chaitra Navratri 2022: इस मंदिर में स्वयं प्रकट हुई थी माता, अंग्रेज भी हुए नतमस्तक

मान्यताओं के अनुसार देवी मां को इस स्थान पर पाण्डव ही लाए थे. और उन्होंने ही यहां माता की प्रतिष्ठा कराई थी. कथाओं में बताया गया है. कि उस समय इस स्थान पर घनघोर जंगल हुआ करता था.

स्थानीय निवासी विहारी ने सम्वत 1152 में बहरारा नामक स्थान बसाया. जिसके बाद खंडेराव भगत ने सम्वत 1621 में बहरारा मंदिर का निर्माण कराया था. उसी दिन से इस मंदिर में निरंतर पूजा-अर्चना इत्यादि होती आ रही है.

माता के इस अनोखे मंदिर में लोग बहुत दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं. नवरात्रि के दिनों में 'बहरारा वाली माता' के दरबार में तो भक्तों की कतार लगी रहती है. भक्त माता की एक झलक पाकर ही धन्य हो जाते हैं.

Tags

Share this story