Chaitra Navratri 2022: आज से नौ दिनों तक कीजिए माता रानी के इन भजनों का गान, होगा विशेष लाभ...
Chaitra Navratri 2022: नौ दिनों का पर्व नवरात्रि शुरू हो चुका है. मां दुर्गा के भक्त माता की आरती व विभिन्न प्रकार के धार्मिक भजनों से माता को प्रसन्न करने का प्रयास करेंगे. और माता की भक्ति में लीन हो जाएंगे.
आइये आपको माता के कुछ ऐसे भजनों के बारे में बताते हैं, जिन्हें सुनकर व पढ़कर आपको काफी अच्छा महसूस होगा और भक्तिमय माहौल बन जाएगा.
यहां पढ़िए माता रानी के भजन...
1. मेरी मैया की चुनरी कमाल हैं,
मेरी मैया की चुनरी कमाल हैं,
रंग सोणा सोणा लाल लाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल हैं,
रंग सोणा सोणा लाल लाल है।।
माँ की चुनरी के देख नज़ारे,
चम चम चमके जिसमे,
चाँद और सितारे,
रंग उड़ रहे है प्यारे प्यारे,
हीरे मोती से सजी बेमिसाल है,
रंग सोणा सोणा लाल लाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल हैं,
रंग सोणा सोणा लाल लाल है।।
सारी दुनिया से है न्यारी,
इसमें फूलो की फुलवारी,
फूलो की फूलो की फुलवारी,
सारी दुनिया से है न्यारी,
इसमें फूलो की फुलवारी,
सृष्टि जिसमे समाई सारी,
करती भक्तो का जीवन निहाल है,
रंग सोणा सोणा लाल लाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल हैं,
रंग सोणा सोणा लाल लाल है।।
पवन के जब जब झोके आए,
लहर लहर चुनरी लहराए,
झूम झूम के पन्ना’ गाये,
बेधड़क चुनरी की ना मिसाल है
रंग सोणा सोणा लाल लाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल हैं,
रंग सोणा सोणा लाल लाल है।।
मेरी मैया की चुनरी कमाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल है,
रंग सोणा सोणा लाल लाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल है,
रंग सोणा सोणा लाल लाल है।।
2. भर दो झोली मेरी शेरोवाली
लौट कर मै ना जाउंगी खाली
तुम्हारी भक्ति से जमाना क्या नही पाता
कोई भी दर से खाली मांगने वाला नही जाता
भर दो झोली मेरी शेरोवाली
लौट कर मै ना जाउंगी खाली
तुम ज़माने के मुख़्तार हो मैया जी
बेकसों की मदतगार हो मैया जी
सबकी सुनती हो अपने हो या गैर हो
तुम गरीबो की दाता हो मैया जी
लौट कर मै ना जाउंगी खाली
लौट कर मै ना जाउंगी खाली
हम है रंजो मुसीबत के मारे हुए
सबसे मुश्किल में है हारे हुए
शेरावाली जरा हमको भी भिक दो
दरपे आए है झोली पसारे हुए
भर दो झोली मेरी शेरोवाली
लौट कर मै ना जाउंगी खाली
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3. मेरी अखियों के सामने ही रहना,
माँ शेरों वाली जगदम्बे।
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
हम तो चाकर मैया तेरे दरबार के,
भूखे हैं हम तो मैया बस तेरे प्यार के॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
विनती हमारी भी अब करो मंज़ूर माँ,
चरणों से हमको कभी करना ना दूर माँ॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
मुझे जान के अपना बालक सब भूल तू मेरी भुला देना,
शेरों वाली जगदम्बे आँचल में मुझे छिपा लेना॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
तुम हो शिव जी की शक्ति मैया शेरों वाली,
तुम हो दुर्गा हो अम्बे मैया तुम हो काली॥
बन के अमृत की धार सदा बहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
तेरे बालक को कभी माँ सबर आए,
जहाँ देखूं माँ तू ही तू नज़र आये॥
मुझे इसके सीवे कुछ ना कहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
देदो शर्मा को भक्ति का दान मैया जी,
लक्खा गाता रहे तेरा गुणगान मैया जी॥
है भजन तेरा भक्तो का गहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे॥
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
माँ शेरों वाली जगदम्बे।
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
4. शेरावाली जिंदगी निहाल कर देती है
हल सारे दिल के सवाल कर देती है
इस दुनिया की जान मेरी माई
हम सब की है पहचान मेरी माई
बड़ी है दयालु कोई इसका ना सानी है
दानियो में दानी मेरी मैया महारानी है
दुखियो को माँ खुशहाल कर देती है
शेरावाली जिंदगी निहाल कर देती है
हल सारे दिल के सवाल कर देती है।
ममता का भंडार मेरी माई
इस जीवन का सार मेरी माई
माँ ही सरमत है सब की मंसूर है
माँ ही अजमत है और सब की कोहिनूर है
खुशियों माई खुशहाल कर देती है
शेरावाली जिंदगी निहाल कर देती है
हल सारे दिल के सवाल कर देती है।
5. मैया जी के चरणों मे ठिकाना चाहिए।
बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए॥
सुन लो ऐ माँ के प्यारो, तुम प्रेम से पुकारो।
आएगी शेरा वाली, जगदम्बे मेहरावाली॥
वो देर ना करेगी, झोली सदा भरेगी।
पूरी करेगी आशा, मिट जायेगी निराशा॥
बिगड़े कर्म सवारे, भव से वो सब को तारे।
श्रद्धा और प्रेम से ध्याना चाहिए,
बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए॥
अकबर ने आजमाया, ध्यानु ने था बुलाया।
हे राजरानी आओ, अम्बे भवानी आओ॥
जाए ना लाज मेरी, सुन लो आवाज मेरी।
दरबार देखता है, संसार देखता है॥
घोडे़ का सिर कटा है, मेरा भी सिर झुका है।
गरूर अभिमानी का मिटाना चाहिए,
बेटा जो बुलाए, माँ को आना चाहिए॥
विनती सुनो हमारी, ए मैया ऐ कंवारी।
तेरे दर पे है सवाली, जाना नहीं है खाली॥
बैठे है डेरा डाले, तेरे भक्त भोले भाले।
तेरे नाम के दीवाने, आए है जा लुटाने॥
मैया दीदार दे दो, बच्चो को प्यार दे दो।
हीरे मोतियों का ना खजाना चाहिए,
बेटा जो बुलाए, माँ को आना चाहिए॥
तिरलोक चंद राजा, था भक्त वो भी माँ का।
जो बंदगी बिछायी संग खेले महामाई॥
देखा जो बूंद पानी, कहने लगा भवानी।
पानी कहाँ से आया, कैसी रचाई माया॥
कैसा यह माजरा है, मेरा तो दिल डरा है॥
माँ इसका राज़ खोलो, अब कुछ तो मुह से बोलो।
कहने लगी भवानी, ऐ मूल अज्ञानी॥
मुझ को ना आजमाओ, पानी को भूल जाओ।
जिद्द ना करो ऐ राजा, कुछ तो डरो ऐ राजा॥
बोला वो अभिमानी, मैंने भी मन मे ठानी।
के राज़ जान लूँगा, हर बात मान लूँगा॥
तब मैया बोली, राजा ना भूल जाना वादा।
सच सच तो मै कहूँगी, फिर पास ना रहूंगी॥
सागर मे डोले नैया, मेरा भक्त बोले मैया।
हर दम तुझे ध्याऊं, फिर भी मै डूब जाऊं॥
कश्ती बचाओ माता, श्रद्धा दिखाओ माता।
मै उसकी भी तो माँ थी, यहाँ भी थी वहां भी॥
चंचल सूना कहानी, गायब हुई भवानी।
पचता रहा था राजा, चिल्ला रहा था राजा॥
शक्ति को ना कभी आजमाना चाहिए।
बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए॥