Chaitra Navratri 2022: आखिर 9 दिनों तक क्यों होता है देवी पूजन ? जानिए नवरात्रि मनाने के पीछे का कारण...
Chaitra Navratri 2022: हिन्दू धर्म में विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं, जिसका कोई विशेष उद्देश्य तथा महत्व होता है. उसी प्रकार जब जब भगवान के भक्तों पर संकट आया है, राक्षस तथा बुराई ने उनके जीवन को आघात पहुंचाया है, तब तब अपने भक्तों की रक्षा हेतु भगवान ने अवतार लिया है.
इसी प्रकार नवरात्र का त्योहार मनाने के पीछे भी एक विशेष कथा छुपी है. जिसके तहत हर साल नवरात्रि का त्योहार भारतवर्ष में मनाया जाता है.
यहां पढ़िए नवरात्रि मनाए जाने के पीछे का कारण...
दरअसल, एक पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर नाम का एक राक्षस था, जो कि बेहद शक्तिशाली था. लेकिन महिषासुर नाम का वह राक्षस अमर होने की इच्छा से ब्रह्मा जी की घोर तपस्या करता है. ब्रह्माजी उसकी तपस्या से प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन वह उससे कहते हैं कि जीवन और मृत्यु तो निश्चित है, तुम कोई और वरदान मांग लो.
इस पर महिषासुर बोला कि प्रभु, आप मुझे यह वरदान दो कि मेरी मृत्यु किसी भी पुरुष या देवता ना हो, मेरी मृत्यु केवल स्त्री के हाथ हो.
ब्रह्मा जी ने उसे यह वरदान दिया और अन्तर्ध्यान हो गए. महिषासुर को यह वरदान प्राप्त होते ही उसकी बुराई प्रबल रूप से बढ़नी शुरू हो गई. उसने देवताओं और धरती के प्राणियों पर अपना अत्याचार दिखाना शुरू कर दिया.
महिषासुर के आतंक से बचने के लिए सभी देवताओं ने आदि शक्ति की आराधना की. आदि शक्ति की अराधना करते समय उनके अंदर से एक दिव्य ज्योति जागृत हुई.
यह दिव्य ज्योति देवी दुर्गा का रूप धारण कर लेती हैं. देवी दुर्गा के इस स्वरूप पर महिषासुर मोहित हो गया. उसने दुर्गा जी के साथ विवाह का प्रस्ताव रखा.
देवी दुर्गा ने उसकी बात पर सहमति देने से पूर्व एक शर्त रखी, कि यदि महिषासुर मुझे युद्ध में जीत लेता है तो मै विवाह के लिए तैयार हो जाऊंगी. ऐसे में महिषासुर और दुर्गा देवी के बीच नौ दिन तक घमासान युद्ध हुआ और दसवें दिन देवी ने महिषासुर का वध कर दिया.
जिसके बाद से हर वर्ष नवरात्रि का त्योहार नारी शक्ति, बुराई पर अच्छाई की जीत के स्वरूप में मनाई जाती है.