Chaitra Navratri 2022: हवन के बिना अधूरी ही रहती है मां दुर्गा की पूजा, जानिए क्या है इसका महत्व...
Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि में के नौ दिनों में माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि में मां के भक्त मां को हर तरह से प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. लेकिन बिना हवन किए मां की पूजा का फल अधूरा रहता है.
नवरात्रि में हवन का विशेष महत्व
हिन्दू परम्परा के अंतर्गत हवन एक प्रमुख कर्मकाण्ड है. हवन में कई सुगन्धित सामग्रियों का मिश्रण कर देसी घी को डाला जाता है. और ऐसी मान्यता है वह सम्बंधित देवी-देवताओं को सीधा मिलता है.
क्यों जरूरी है हवन
कहा जाता है कि जो लोग दुर्गा पूजा में हवन नहीं करते, उन्हें पूर्ण फल नहीं मिलता. मां की पूजा में हवन का बहुत ही महत्व होता है.
साधक को 9 दिनों में प्रतिदिन हवन करना चाहिए और यदि प्रतिदिन न कर सके, तो नवरात्रि के अन्तिम दिन नवमी तिथि को तो अवश्य करना चाहिए.
इसके करने से 9 दिनों का पूरा फल मिल जाता है. नवरात्रि के अन्तिम दिन हवन करने से शत्रुओं का विनाश होता है. और धन धान्य एवं सम्मान की प्राप्ति होती है .
नवरात्रि में कैसे करें हवन
दुर्गा हवन के लिए दुर्गा सप्तशती के मन्त्रों को पढ़कर आहुति दी जाती है. इसमें हवन सामग्री, जौ, तिल, साठी के चावल, लौंग, इलाइची, कमल गट्टा, मधु, वेल, खीर, आम की लकड़ी या फिर देवदारु या चन्दन की लकड़ी श्रद्धा अनुसार ली जाती है. किन्तु इन सभी सामग्रियों का होना अनिवार्य होता है.
ऋतु फल, दूध से बना मिष्ठान, इनका सभी का मिश्रण तैयार करके आहुति के रूप में मन्त्रों के माध्यम से अग्नि देव को अर्पित किया जाता है.
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मां को कैसे करें प्रसन्न
नवरात्रि में मां को लाल गुड़हल के फूलों की माला चढाए. हर दिन धूप दीप जलाकर पूजा करें. नवरात्रि के 9 दिनों में अलग-अलग वस्तुओं का प्रतिदिन भोग लगाएं. और श्रद्धा से मां का ध्यान करें.