Chanakya niti: जिन प्रेमियों में होते हैं ये 5 गुण, वह कभी नहीं देते हैं प्यार में धोखा…क्या आपके प्रेमी में मौजूद हैं ये बातें?
Chanakya niti: अक्सर जब भी किसी व्यक्ति से उसके प्रेम संबंधों को लेकर बात की जाती है, तो या तो वह कहता है कि उसके प्रेमी जैसा दुनिया में दूसरा कोई नहीं है. या उसके प्रेमी ने उसे धोखा दिया हो, तब वह उसे काफी भला बुरा कहता है.
लेकिन जब कोई व्यक्ति प्रेम में होता है और उसे ये ज्ञात ना हो कि उसका प्रेमी प्रेम में उसके साथ जैसा व्यवहार कर रहा है, तो वह सही है या नहीं? तो इसके आधार पर कैसे अंदाजा लगाया जाए कि आपका प्रेमी कैसा है, वह आपका आगे चलकर साथ देगा या नहीं. कहीं वह आपको धोखा तो नहीं दे रहा है.
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तो आज हम आपको बताएंगे, कि महान नीतिज्ञ चाणक्य ने सच्चे प्रेमियों के लक्षणों को लेकर जो तर्क दिए हैं. उनके आधार पर आप ये पता लगा सकते हैं कि आपका प्रेमी फिर चाहे वह लड़का हो या लड़की..वह कैसा है और क्या वह आपको सच्चा प्रेम करता है या नहीं?
चाणक्य नीति के अनुसार ऐसे प्रेमी होते हैं सबसे बेहतर….
- चाणक्य नीति के मुताबिक, जो प्रेमी या प्रेमिका अपने प्रेमी की सदैव दूसरों से तुलना करते हैं, वह आपसे प्रेम केवल दिखावा मात्र करते हैं. ऐसे प्रेमियों से दूर रहना चाहिए.
- व्यक्ति को सदैव ऐसे स्त्री या पुरुष से प्रेम करना चाहिए, जिनमें धैर्य और सहनशीलता हो. जिन प्रेमियों में इन दोनों की ही कमी होती है, वह कभी भी किसी परिस्थिति में स्वयं को संभाल नहीं सकते हैं, तो सोचिए वह एक रिश्ते में कैसे खुद को संभालेंगे?
- आपको प्रेम या प्रेम संबंध सदा उसी व्यक्ति के साथ करना चाहिए, जो हैसियत में आपके जैसा ही हो, तभी रिश्ते में एक दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम बना रहता है.
- जो व्यक्ति अधिक क्रोध करता है, या छोटी छोटी सी बातों पर काफी चिड़चिड़ा हो जाता है, ऐसे व्यक्ति से प्रेम करने से बचना चाहिए. ऐसे लोग समय पर काफी गुस्सैल और क्रोधित हो जाते हैं.
- चाणक्य नीति के अनुसार, जो पुरुष या स्त्री एक दूसरे के दैहिक आकर्षण से प्रभावित होकर एक दूसरे से प्रेम करने लगते हैं, उन्हें बेहद सतर्क रहना चाहिए. दैहिक आकर्षण क्षण भर होता है, जिसका आगे साथ निभाने या मुश्किल परिस्थितियों में साथ खड़े रहने की कोई संभावना नहीं होती है.
इस प्रकार, आपको किसी भी व्यक्ति से प्रेम करने से पहले उसके धार्मिक और आध्यात्मिक गुणों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए. ताकि आगे जाकर आपको प्रेम संबंधों में छल, कपट और द्वेष आदि झेलना ना पड़े.