Chanakya niti: हर परिस्थिति में धैर्य नहीं आता है काम, जानिए कहां तक और कब तक रहे शांत?

 
Chanakya niti: हर परिस्थिति में धैर्य नहीं आता है काम, जानिए कहां तक और कब तक रहे शांत?

Chanakya niti: आचार्य चाणक्य राजनीति और नीति शास्त्र में बताई गई अपनी उपयोगी बातों के लिए जाने जाते हैं. जिनके द्वारा बताई गई नीतियों की बातें आम आदमी के जीवन में काफी प्रभावी रहती हैं.

उनके द्वारा कही गई बातें व्यक्ति के सुखी और समृद्ध जीवन की निशानी हैं. यही कारण है कि लोग चाणक्य की कही गई बातों का पालन करते हैं.

ऐसे में आज हम आपको चाणक्य द्वारा धैर्य को लेकर कही गई बातें बताने वाले हैं. कि आखिर किन परिस्थितियों में व्यक्ति को अपने धैर्य का बांध तोड़ देना चाहिए, अन्यथा उसे नुकसान हो सकता है.

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धैर्य से आशय उस शक्ति से होता है, जो व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में बनाए रखता है, लेकिन चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को हद से ज्यादा धैर्य भी नहीं रखना चाहिए, वरना उसे मूर्ख समझ लिया जाता है.

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तो चलिए जान लेते हैं, कि चाणक्य के अनुसार, वह कौन सी परिस्थितियां होती हैं, जिनमें व्यक्ति को धैर्य ना रखते हुए त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए.

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चाणक्य के अनुसार कहीं गई आवश्यक बातें…

  1. कभी कभार देखा गया है कि कुछ लोग आपसे हमेशा उल्टा सीधा बोलते रहते हैं, लेकिन आप अपनी विनम्रता के कारण उनसे कुछ नहीं कहते और धैर्य बनाए रहते हैं. तो ऐसे में सामने वाला व्यक्ति आपके धैर्य को आपकी कमजोरी समझकर आपका गलत फायदा उठा सकता है.
  2. कभी आपके किसी अपने को आपकी ताकत की जरूरत है, लेकिन आप उस परिस्थिति में भी धैर्य या सहनशीलता का परिचय देंगे, तो ये कहीं ना कहीं आपकी कायरता समझी जाएगी.

इस प्रकार चाणक्य के मुताबिक, अगर आप हर उस परिस्थिति में धैर्य रखेंगे, जहां आप कुछ करके स्वयं को सुरक्षित कर सकते हैं, तो वहां आपका धैर्य आपकी मूर्खता को दर्शाता है. इसलिए आपको आवश्यकता पड़ने पर बोलना भी चाहिए.

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