Chanakya Niti: घर के मुखिया में अवश्य होने चाहिए ये 3 गुण, वरना घर वालों पर आ सकता है संकट
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीति में व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई परिस्थितियों का उल्लेख किया गया है. आपको अपने जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? किस प्रकार सफलता हासिल की जा सकती है? कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए? किससे दूर रहना चाहिए? ऐसे तमाम सवालों के जवाब चाणक्य नीति में पाए जाते हैं.
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इसी के साथ ही चाणक्य नीति में यह भी बताया गया है कि घर का मुखिया घर का एक अहम व्यक्ति होता है. उसे घर की मान मर्यादा और घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाए रखने का प्रयास करना पड़ता है.
ऐसे में घर के मुखिया को कुछ चीजों को पूरा अवश्य करना चाहिए. यह काम निम्नलिखित हैं...
रिश्तेदारों से संबंध अच्छे बनाएं
घर की मुखिया का यह अहम कर्तव्य होता है कि अपने रिश्तेदारों के साथ अच्छे संबंधों को बनाए रखें. परिवार पर जब कोई मुसीबत आती है तो रिश्तेदार भी काम आते हैं ऐसे में यदि आप रिश्तेदारों से बनाकर रखेंगे तो वह आपकी सहायता के लिए प्रसन्नता से खड़े होंगे. चाणक्य नीति में घर के मुखिया का यह कर्तव्य बताया गया है कि वह रिश्तेदारों के साथ अच्छा तालमेल बनाकर रखें.
परिवार के साथ समय व्यतीत करें
चाणक्य नीति में यह बताया गया है कि एक घर के मुखिया को परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत करना चाहिए. चाहे व्यापार हो या नौकरी घर के मुखिया को घर परिवार के लिए समय निकालना बेहद जरूरी होता है. क्योंकि परिवार की समस्याओं और उनके साथ बातचीत करने के लिए आप उनको समय ही दे सकते हैं. ऐसे में आप अपने परिवार वालों की और करीब आ जाते हैं.
भोजन का अनादर ना करें
चाणक्य नीति के अनुसार घर के मुखिया को भोजन का अनादर नहीं करना चाहिए. क्योंकि एक मुखिया के नक्शे कदमों पर ही परिवार के अन्य छोटे सदस्य चलते हैं. ऐसे में यदि एक मुखिया अपने परिवार के सदस्यों के बीच भोजन का अपमान करता है तो अन्य सदस्य भी भोजन का अपमान करना सीख जाते हैं. जिस घर में भोजन का अपमान होता है वहां दरिद्रता का निवास बढ़ता जाता है.
फिजूल खर्च करने से बचें
घर की मुखिया का यह कर्तव्य होता है कि वह घर की आर्थिक स्थिति की बागडोर की कमान कसकर रखें. चाणक्य नीति के अनुसार मुखिया को कभी फिजूल खर्च नहीं करना चाहिए. मुखिया को दूरदर्शी होना चाहिए और भविष्य के लिए कुछ निवेश करते रहना चाहिए. जिस घर का मुखिया दूरदर्शी होता है और फिजूलखर्ची नहीं करता है वह परिवार सदा तरक्की करता है.