Char Dham Yatra 2022: चार नहीं बल्कि एक ही है ये धाम…जानिए किसे कहते हैं सम्पूर्ण भारत का चार धाम?

 
Char Dham Yatra 2022: चार नहीं बल्कि एक ही है ये धाम…जानिए किसे कहते हैं सम्पूर्ण भारत का चार धाम?

Char Dham Yatra 2022: साल 2022 में चार धाम की यात्रा शुरू होने वाली है. पिछले दो सालों से कोरोना के चलते चार धाम की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

लेकिन इस बार चार धाम की यात्रा के लिए लोग काफी पहले से ही बुकिंग आदि करा चुके हैं, अब मंदिर के कपाट खुलते ही चार धाम के दर्शन आरंभ हो जायेंगे.

चार नहीं ये हैं एक ही धाम..

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जैसा कि आप जानते ही हैं कि चार धाम देवभूमि यानि उत्तराखंड में स्थित है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति अपने जीवनकाल में इन चार धामों की यात्रा कर लेता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि देवभूमि उत्तराखंड में स्थित चार धाम जिन्हें हम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के नाम से जानते हैं, असल में ये छोटा चार धाम के नाम से जाने जाते हैं.

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जबकि भारत का चार धाम किन्हीं अन्य स्थानों को कहा जाता है, लेकिन उत्तरकाशी के लोग देवभूमि स्थित चार धामों को धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानते हैं, यही कारण है कि अधिकतर भारतीय देवभूमि आकर ही चारों धामों की यात्रा करते हैं.

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जिस कारण इसे छोटा चार धाम या कहें एक ही धाम की यात्रा कहा जाता है. जहां भगवान शिव और विष्णु विराजमान है और माना जाता है कि देवभूमि स्थित चार धाम में दिव्य आत्माओं का वास है, यहां आकर व्यक्ति का जीवन धन्य हो जाता है.

ये है सम्पूर्ण भारत का चार धाम…

अगर बात करें सम्पूर्ण भारत के चार धाम की. तो ये भारत की चारों दिशाओं में स्थित है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति चारों धामों की यात्रा कर लेता है. उसे संपूर्ण भारत के दर्शन का अवसर प्राप्त हो जाता है. भारत की चारों दिशाओं में स्थित ये धाम धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं.

इनमें से पहला धाम है उत्तराखंड में ही स्थित बद्रीनाथ धाम. जिसके बारे में कहा जाता है कि व्यक्ति को अपने जीवन में दो बार अवश्य ही बद्रीनाथ के दर्शन करने चाहिए.

दूसरा धाम ओडिशा राज्य में स्थित है, जिसका नाम है जगन्नाथ पूरी. जहां हर वर्ष भव्य रथयात्रा निकलती है. जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग यहां आते हैं.

तीसरा धाम भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित है, जिसका नाम है रामेश्वरम. जहां त्रेतायुग में रामायणकाल के प्रसिद्ध राम सेतु का निर्माण किया गया था.

चौथा और आखिरी धाम गुजरात राज्य में स्थित है, जिसे हम द्वारिका के नाम से जानते हैं. जिसे भगवान श्री कृष्ण की नगरी कहा जाता है. उपरोक्त चारों धाम भारत वर्ष की चारों दिशाओं में स्थित हैं, जिस कारण इन्हें बड़ा चार धाम और सम्पूर्ण भारत के चार धाम के तौर पर जाना जाता है.

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