Devi Laxmi: कौन-है देवी लक्ष्मी, किन कामों को करने से होती है प्रसन्न?
Devi Laxmi: माँ लक्ष्मी हिन्दू धर्म की प्रमुख देवी हैं.वे सुंदरता, समृद्धि, धन, सौभाग्य, आरोग्य और धर्म की देवी मानी जाती हैं.लक्ष्मी माता को अंकित करने के लिए उन्हें धन और समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. वे विष्णु भगवान की पत्नी हैं और विष्णु के साथ इन्द्रप्रस्थ, आयोध्या, और वैकुण्ठ में वास करती हैं. लक्ष्मी माता की कई प्रसिद्ध पूजाएं हैं, जिनमें दीपावली पूजा, वरलक्ष्मी व्रत, श्री लक्ष्मी सहस्त्रनाम स्तोत्र, श्री सुक्त आदि शामिल हैं.
लक्ष्मी माता हिन्दू धर्म में पूजनीय देवी हैं. वे धन, समृद्धि, सौभाग्य, श्री, धर्मिकता और सौंदर्य की संचालिका मानी जाती हैं. लक्ष्मी माता को दिव्यता, सुंदरता और आनंद की प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है. वे पवित्र और सात्विक आहार, शुद्धता और स्नान, दैनिक पूजा-अर्चना, मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ, धर्मिक कार्यों और सेवा में समर्पण की प्रतिष्ठा, ध्यान, सच्ची विनम्रता और आदर्शपूर्ण जीवन को प्रिय मानती हैं. माँ लक्ष्मी अपने भक्तों को सुख, समृद्धि, आरोग्य, सौभाग्य, धन, विद्या और स्थायित्व का आशीर्वाद देती हैं.
माँ लक्ष्मी (Devi Laxmi) का स्वरूप
लक्ष्मी माता (Devi Laxmi) को स्वर्णिम वस्त्र, हाथों में पटके, वरदान करने वाले हाथों के साथ चित्रित किया जाता है. उन्होंने वाहन के रूप में हंस, सारस, व्याघ्र, को चुना है. लक्ष्मी माता का पूजन दीपावली और शुक्ल पक्ष की अमावस्या पर किया जाता है, जब वे धरती पर अपने भक्तों को धन, धान्य, समृद्धि, और सौभाग्य की प्राप्ति करती हैं. लक्ष्मी माता की कई रूपावतार हैं, जैसे महालक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, सन्तानलक्ष्मी, आदि.
प्रत्येक रूप में वे अलग-अलग समृद्धि और धन के पहलू दिखाती हैं. उनके पूजन और अर्चना से मान्यता है कि माता लक्ष्मी अपने भक्तों की सभी दुःखों को दूर करके समृद्धि और सुख लाती हैं. माँ लक्ष्मी का नाम संस्कृत शब्द "लक्ष्मी" (Devi Laxmi) से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है "लक्ष्य" या "लक्ष्मी". इसलिए, वे धन और समृद्धि के स्थायी और साध्य लक्ष्य के प्रतीक मानी जाती हैं. उनकी पूजा करने से धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ भौतिक समृद्धि और आर्थिक विकास की प्राप्ति होती है.
लक्ष्मी माता (Devi Laxmi) को क्या है प्रिय
लक्ष्मी माता को कई प्रकार की वस्तुएं प्रिय हैं. जिनका विवरण निम्न प्रकार है.
1. तुलसी की पत्ती- लक्ष्मी माता को तुलसी की पत्ती बहुत प्रिय होती है. इसलिए तुलसी के पौधे को उनके मंदिर या पूजा स्थल में लगाने से उनकी कृपा मिलती है.
2. सोना- लक्ष्मी माता को सोना या स्वर्ण की वस्तुएं भी अत्यंत प्रिय होती हैं. सोने की आभा और समृद्धि का प्रतीक होने के कारण इसे उनके श्राद्धपत्र में प्रयुक्त किया जाता है.
3. धनिये के बीज- धनिया के बीजों को भी लक्ष्मी (Devi Laxmi) माता को प्रिय माना जाता है. इसे पूजा में उपयोग करके लक्ष्मी माता की कृपा और धन की प्राप्ति होती है.
4. गंध- लक्ष्मी माता को गंध बहुत प्रिय होता है. चंदन, केसर, अट्टर आदि का उपयोग उनकी पूजा में किया जाता है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए आत्मीय गंध बनाए रखना अच्छा माना जाता है.
5. पुष्प- लक्ष्मी माता को फूल प्रिय हैं. कुमकुम, चलक्ष्मी माता की प्रिय वस्तुएं जारी हैं. पुष्पों में गुलाब, चमेली, केवड़ा, कमल जाई, माल्लिका आदि उनके प्रिय पुष्प हैं.
6. गुड़- लक्ष्मी माता को गुड़ बहुत प्रिय होता है. उनकी पूजा में गुड़ का उपयोग भोग के रूप में किया जाता है और इससे उनकी कृपा मिलने की आशा की जाती है.
7. साफ वस्त्र- लक्ष्मी माता को साफ कपड़ा भी प्रिय होता है। पूजा के समय साफ वस्त्र चढ़ा कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है.
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