Diwali 2021: अगर घर पर मां लक्ष्मी के साथ गणेश की मूर्ति है तो तुरंत हटा दीजिए, जानिए कारण
हिंदू संस्कृति में पूजा का एक विधान होता है नियम होता है। शास्त्रों के अनुसार अगर आप उस नियम और विधान के अनुसार नहीं चल रहे हैं तो पूजा फलित नहीं होती है। मतलब आपकी बात आपके इष्ट देव तक नहीं पहुंच पाता है।
दिवाली आने वाली है। दिवाली में हिंदू धर्म को मानने वाले लोग महालक्ष्मी और गणपति की पूजा करते हैं। लेकिन आपको क्या पता है मां लक्ष्मी की प्रतिमा कैसे रखी जाती है? और गलत तरीके से रखने का क्या नुकसान हो सकता है? चलिए जानते हैं
देवताओं और असुरों के द्वारा हुए समुद्र मंथन से प्राप्त मां लक्ष्मी के आगमन के समय सभी देवता हाथ जोड़कर आराधना कर रहे थे। इसलिए कार्तिक अमावस्या के दिन महालक्ष्मी विशेष पूजा होती है। इस दिन मां लक्ष्मी के अलावा देहली विनायक, मांकाली, सरस्वती और कुबेर की भी पूजा मकान, दुकान और व्यापारिक प्रतिष्ठान में करनी चाहिए।
लक्ष्मी पूजा करते हुए मां की मूर्ति स्थापना के विधान का पूरा ध्यान रखना चाहिए:
•शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी को चंचल माना जाता है इसलिए उनकी मुर्ति को खड़ी अवस्था में नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि खड़ी मूर्ति ज्यादा देर तक नहीं टिकती हैं।इसलिए घर में हमेशा माता लक्ष्मी की बैठी हुई प्रतिमा रखनी चाहिए।
• मां लक्ष्मी के साथ-साथ उनका सवारी यानी उल्लू भी चंचल होता है। इसलिए लक्ष्मी मूर्ति कभी उल्लू पर बैठी अवस्था में नहीं रखनी चाहिए।
• अधिकतर घरों में माता लक्ष्मी की मूर्ति गणेशजी के साथ रखी दिखती हैं। लेकिन यह गलत है। मां लक्ष्मी विष्णुजी की अर्धांगिनी हैं, इसलिए माता लक्ष्मी की मूर्ति के साथ विष्णुजी को रखना चाहिए।
• गणेशजी और लक्ष्मीजी की मुर्ति सिर्फ दीपावली के दिन एक साथ रखना चाहिए। प्रत्येक दिन नहीं। लोग दीपावली के बाद भी इस मूर्ति को स्थापित कर देते हैं। इस दिन घर पर सुख-समृद्धि के लिए लक्ष्मी-गणेश की साथ पूजा करनी चाहिए।
• वास्तु विषय के अनुसार लक्ष्मी मूर्ति कभी दीवार से नहीं सटाकर रखनी चाहिए। वास्तु में इसे दोष माना जाता है।
• वास्तु अनुसार, पूजा घर और उनमें रखी देवी-देवताओं की मूर्ति को हमेशा उत्तर-दिशा में रखनी चाहिए।
• शास्त्रों के अनुसार पूजा घर में देवी लक्ष्मी की एक से अधिक मूर्तियां रखना वर्जित माना गया है।