Diwali Celebration: इस दीवाली गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें ये बातें, वरना हो सकता है अनर्थ
Diwali Celebration: हमारे देश में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं. त्योहारों की बहुलता को देखते हुए यदि इसे त्योहारों का देश कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी. यहां कुछ राष्ट्रीय त्योहार व अधिकतर सामाजिक त्योहार हैं. सामाजिक पर्वों को लोग यहां अपनी आस्था और श्रद्धा के अनुसार मानते हैं. जिसकी अपनी अपनी आस्था व श्रद्धा होती है.
सामाजिक पर्वों में से ऐसी ही पर्व हैं होली, दीपावली, रक्षाबंधन, दशहरा, दुर्गापूजा आदि. इनमें दीपावली हिन्दुओं का मस्ती और उमंग से भरा त्योहार हैं. जो सारे भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस त्योहार में विशेषकर माता लक्ष्मी व गणपति जी की पूजा अर्चना की जाती है.
ऐसे में दीपावली के पूजन में गणेश-लक्ष्मी जी की मूर्ति व उनकी आराधना का विशेष महत्व है. ऐसे में आपको उनकी प्रतिमा खरीदते समय कुछ बातें ध्यान भी रखनी चाहिए.
गणेश जी की सूंड
दीपावली के अवसर पर घर के लिए गणपति जी की मूर्ति खरीदते समय यह ध्यान रखें कि वहीं मूर्ति लें जिसमें गणपति जी की सूंड़ दाएं तरफ मुड़ी हुई हो. हालांकि व्यापारियों के लिए बाईं तरफ मूड़ी हुई सूंड वाले गणपति जी शुभ माने जाते हैं.
खंडित मूर्ति भूल से ना खरीदें
जब आप दीपावली के दिन श्री गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति खरीदने जाए तो मार्केट में बड़े ध्यान से उनकी मूर्ति की जांच करें. जांच करते हुए आप इस बात का ध्यान रखें कि गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति किसी भी तरह से खंडित नहीं होनी चाहिए. खंडित मूर्ति की पूजा करना अशुभ माना जाता है.
गणेश और लक्ष्मी जी का शुभ रंग
हिंदू धर्म की पूजा पाठ में काला रंग अशुभ माना जाता है. इसके अलावा लक्ष्मी जी का प्रिय रंग गुलाबी रंग है. इसके साथ ही आपको ऐसी ही मूर्ति खरीदनी चाहिए जिसका रंग गुलाबी हो ना कि काला.
मोदकधारी गणपति और कमल पर विराजमान लक्ष्मी
जवाब दीपावली के लिए गणपति जी और लक्ष्मी जी लेकर आए. तो मार्केट से ऐसे गणपति जी खरीदे हैं जिनके हाथों में मोदक हो और ऐसी लक्ष्मी जी लेकर आए जो कमल पर विराजमान हो. ऐसी प्रतिमा लाने से आपकी पूजा में चार चांद लग जाएंगे.
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गणेश और लक्ष्मी की अलग-अलग मूर्ति लाएं
जब आप दीपावली के लिए गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति लेने जाए तो ध्यान रखें कि मार्केट में अधिकतर गणेश और लक्ष्मी जी की जुड़ी हुई मूर्तियां भी मिलती है. ऐसे में आपको गणेश जी की और लक्ष्मी जी की जुड़ी हुई नहीं बल्कि पृथक पृथक मूर्ति ही खरीदकर लानी चाहिए.