मृत्यु के देवता यमराज को भूलकर भी ना करें नाराज

 
मृत्यु के देवता यमराज को भूलकर भी ना करें नाराज

हिंदू धर्म के अनुसार यमराज मृत्यु के देवता माने जाते हैं. इन्हें धर्मराज के नाम से भी जाना जाता है. इनका वाहन भैंसा और शस्त्र, दंड है. यम का वास स्थान दक्षिण दिशा में माना गया है. यम के पिता सूर्य, माता विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा है.बहन यमुना और भाई श्रद्धा देव मनु. उनकी पत्नी देवी धूमोरन, जिससे उत्पन्न संतान कतिला यमराज का पुत्र था. मृत्यु के देवता यमराज के सहयोगी चित्रगुप्त है. यमराज की आराधना अनेक नामों से की जाती है. जैसे यम, धर्मराज, मृत्यु, अंतक, वैवस्वत, काल, सर्वभूतक्षा, औद्भुबर, दहन, नील, परमेष्ठी, वृकोदर, चित्र और चित्रगुप्त. यम के इन्हीं 14 नाम इनका का तर्पण किया जाता है.

शास्त्रों के मुताबिक श्राद्ध पक्ष भद्र मास की पूर्णिमा से शुरू होकर अश्विन मास की अमावस्या तक चलता है. इस समय मृत्यु के देवता यमराज पितरों को मुक्ति दे देते हैं. श्राद्ध के दिन तर्पण करना बहुत जरूरी माना गया है. तर्पण करने का समय दोपहर 11 बजे  से 12 बजे तक होता है. काला तिल, गंगाजल, तुलसी और ताम्रपत्र से तर्पण करना अच्छा होता है. और पितरों के पसंद का खाना बनाकर गाय और कौवा को अग्रसन निकालना चाहिए. मान्यता है कि जो लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण करते हैं. उन्हें पितृ पक्ष में 15 दिन तक बाल नहीं कटवाने चाहिए.

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यमराज के दंड से बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान


-वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार की ओर पैर करके सोने से धन की देवी और यमराज रुष्ट हो जाते हैं.
-यमराज नाराज ना हो, उसके लिए सूर्योदय और सूर्यास्त के समय कभी नहीं सोना चाहिए.
-अधिक रात तक ना जागे, समय से सोना चाहिए. पैर के ऊपर पैर रखकर नहीं सोना चाहिए.
-पैरों को साफ सुथरा धोकर सुखाए, उसके बाद ही बिस्तर पर जाएं.
-खाना खाते समय कभी भी पढ़ाई नहीं करनी चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो विद्या की देवी मां सरस्वती और मृत्यु के देवता यमराज दोनों ही नाराज हो जाते हैं.
-खाना खाते समय बीच में छोड़कर ना जाएं. अगर खाना खाते समय छोड़कर जाना पड़ता है, तो उसे दोबारा ना खाएं.
-शनिवार और मंगलवार के दिन बाल और नाखून ना काटे. नाखून चबाना भी अशुभ माना जाता है
-झूठ बोलना, छल - कपट और  लालच नहीं करना चाहिए. क्योंकि जो लोगों का व्यवहार ऐसा होता है. वे हमेशा रोगों से घिरे रहते हैं. और अकाल मृत्यु का साया उन पर बना रहता है.


कहा जाता है कि जन्म और मृत्यु का समय किसी को ज्ञात नहीं होता. मृत्यु, दंड सब यमराज के हाथ में होता है. यदि आप बताएं के नियमों का पालन करते हैं तो यमराज के दंड से बचा जा सकता है.

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