क्या सच में मदिरापान करती है काल भैरव मंदिर की प्रतिमा?

 
क्या सच में मदिरापान करती है काल भैरव मंदिर की प्रतिमा?

काल भैरव का प्रसिद्ध मंदिर मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन में स्थित है. बताया जाता है कि इस मंदिर में जो काल भैरव की प्रतिमा है. वह मदिरापान करती है. जी हां बिल्कुल सही पढ़ा आपने प्रतिमा मदिरापान करती है. यह बात सभी को हैरान लर देती है. कि क्या कोई प्रतिमा सच में मदिरापान कर सकती है. विज्ञान के अनुसार तो प्रतिमा निर्जीव होती है. किंतु जहां से विज्ञान ख़त्म होता है वहां से आध्यात्म शुरू होता है. शायद इसीलिए आज तक कोई भी वैज्ञानिक इस बात का पता नहीं लगा पाया कि आखिर मदिरा जाती कहां है?

काल भैरव मंदिर का सच

बताया जाता है कि कई साल पहले एक अंग्रेज अधिकारी द्वारा इस विषय पर विशेष जांच कराई गई थी कि मदिरा जाती कहां है. यह जांच कराने के लिए वह मंदिर परिसर में गया उसके सामने भी प्रतिमा ने मदिरापान किया. तो उसने प्रतिमा के आस-पास की ज़मीन में खुदवाई करवाई. किन्तु जब कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो वह भी अंत में हार मानकर महाराज काल भैरव का परम भक्त बन गया. जब आप मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे तो उसके पूर्व आपको मन्दिर के बाहर पूजा सामग्री इत्यादि के साथ-साथ मदिरा से भरी छोटी-छोटी बोतलें भी बिकती नज़र आएंगी. जब वहां आने वाले श्रद्धालुओं और दुकानदारों से बातचीत की तो उन्होंने बताया यहां जो आता है वह मदिरा अवश्य चढ़ाता है. और जैसे ही मंदिर के पुजारी भैरव बाबा के मुख के पास मदिरा से भरा कटोरा लगाते हैं. वैसे ही धीरे-धीरे कटोरा खाली होने लगता है.

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मंदिर से जुड़ा तांत्रिक रहस्य

भैरव बाबा का यह मंदिर लगभग 6000 हज़ार साल पुराना है. मान्यता है कि यह वाम मार्गी तांत्रिक मंदिर है. वाम मार्गी मंदिर का अभिप्राय है कि वह मंदिर जिनमें मदिरा, मांस, बलि इत्यादि की प्रथा होती है. आज से कुछ साल पहले यहां सिर्फ तांत्रिक लोगों को ही आने ही अनुमति थी. किन्तु कालांतर से यह भैरव मंदिर आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया. और उसी प्रकार भैरव बाबा को मदिरा का भोग लगता रहा वह स्वीकार करते रहे. आज तक कोई भी यह बात पता नहीं लगा पाया कि कितने वर्षों से यहां यह सिलसिला चल रहा है.

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