Ganesh aur Vishnu Story: क्या हुआ था? जब भगवान विष्णु ने नहीं दिया अपने विवाह में गणेश जी को निमंत्रण

 
Ganesh aur Vishnu Story: क्या हुआ था? जब भगवान विष्णु ने नहीं दिया अपने विवाह में गणेश जी को निमंत्रण

Ganesh aur Vishnu Story: घर में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले गणेश जी की आराधना की जाती है. फिर चाहे वह विवाह संपन्न कराना हो या फिर कोई नया कार्य आरंभ करना हो. बिना गणेश जी की आराधना के किसी भी कार्य में व्यक्ति को सफलता प्राप्त नहीं होती.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान विष्णु का विवाह माता लक्ष्मी के साथ होने वाला था. तब उन्होंने भगवान गणेश को निमंत्रण नहीं भेजा था, जिस वजह से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी (Ganesh aur Vishnu Story) के विवाह में अनेक प्रकार के संकट आए. हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसी कथा के बारे में बताने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं…

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी (Ganesh aur Vishnu Story) के विवाह की कथा

ऐसा माना जाता है कि जब भगवान विष्णु का विवाह माता लक्ष्मी के साथ होने वाला था. तब भगवान विष्णु ने गणेश जी को निमंत्रण नहीं भेजा था. इस दौरान जब अन्य सभी देवी-देवताओं ने भगवान विष्णु से इसका कारण पूछा, तब भगवान विष्णु (Ganesh aur Vishnu Story) ने कहा कि गणेश जी के पिता भगवान शंकर जी को विवाह का निमंत्रण भेजा जा चुका है और वैसे भी भगवान गणेश जी के आने पर काफी सारे भोजन का इंतजाम भी करना पड़ेगा.

WhatsApp Group Join Now

ऐसे में किसी दूसरे के घर पर जाकर अधिक भोजन करना शोभा नहीं देता. जिस पर अन्य कई सारे देवी-देवताओं ने भगवान विष्णु को यह सुझाव दिया, कि आप भगवान गणेश को अपने विवाह में बुलाएं और उन्हें अपने घर का द्वारपाल बना दें. इस दौरान भगवान विष्णु ने गणेश जी को निमंत्रण तो दिया, लेकिन उन्हें अपने घर का द्वारपाल बना दिया.

साथ ही उनसे कह दिया कि वह अपनी मूषक की सवारी के साथ जल्दी-जल्दी नहीं चल पाएंगे, इसलिए उन्हें घर पर ही रहना चाहिए. भगवान विष्णु की यह बात सुनकर गणेश जी क्रोधित हो गए. ऐसे में जब नारद जी ने गणेश जी से विवाह में ना चलने का कारण पूछा. तब गणेश जी ने क्रोधित होकर भगवान विष्णु (Ganesh aur Vishnu Story) के विवाह के दौरान रास्ते में बड़े-बड़े गड्ढे अपने मूषक की सहायता से खुदवा दिए.

जिसके बाद विष्णु जी और उनकी बारात के रथ के पहिए उसमें धंस गए. इसके बाद सभी देवताओं के लाख प्रयास करने के बावजूद भी रथ के पहिए गड्ढे में से नहीं निकाले जा सके, इस वजह से रथ के पहिए जगह-जगह से टूट गए. फिर जब भगवान विष्णु को अपनी गलती का एहसास हुआ, तब उन्होंने गणेश जी से क्षमा मांगी और अपने विवाह में साथ चलने का आग्रह किया. लेकिन रथ के टूटे हुए पहिए को बनाने के लिए उन्हें एक खेत में काम करने वाला खाती मिला.

जिसने ओम गणेशाय नमः मंत्र का जाप करने के बाद सभी रथ के पहिए बना दिए. जिस कारण से ऐसा माना जाता है कि बिना गणेश जी की आराधना और उपासना के कोई भी व्यक्ति अपने किसी कार्य में सफल नहीं हो सकता. आज बुधवार के दिन आप भी गणेश (Ganesh aur Vishnu Story) जी की आराधना करके उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं, और अपने जीवन को संकटों से मुक्त कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें:- क्यों सर्वप्रथम पूजनीय हैं भगवान गणेश जी? ग्रंथों के अनुसार जानें कारण

Tags

Share this story